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कुल्लू में किसानों पर पैसा बरसा रहा है यह जापानी फल, दिल के लिए रामबाण
(अभी-अभी डेस्क)/कुल्लू । कुल्लू जिले में अब केवल सेब (Apple) ही नहीं उगता। एक जापानी फल (Japanese Fruit) भी किसानों पर पैसा बरपा रहा है। जिले के कई प्रगतिशील किसान जापानी फल, यानि पर्सिमन (Persimmon) की खेती से अच्छी-खासी आय ले रहे हैं। दिल के लिए यह फल रामबाण माना जाता है। जापानी फल को अंग्रेज़ी में पर्सिमन कहते हैंI इसका वानस्पतिक नाम डायोसपायरोस काकी हैI दुनियाभर में इसकी 400 से ज़्यादा प्रजातियां हैंI हालांकि, इसकी दो प्रजातियां—हचिया और फ़ूयू बेहद लोकप्रिय हैंI
लागत और रखरखाव दोनों कम
लग घाटी (Lug Valley) के छुरला गांव के गुरदेव ठाकुर का कहना है कि जापानी फल की खेती में कम लागत और रखरखाव कम होता हैI यहां पर 100 फीसदी लोग जापानी फल की बागवानी कर रहे हैं। छुरला गांव मणि राम ठाकुर बताते है कि कुछ वर्षों पहले तक इसका कोई विशेष बाजार नहीं था और न ही अच्छे दाम मिलते थे। आज मंडियों में जापानी फल को 40 से 85 रुपये प्रति किलो के दाम मिल रहे हैंI
दिल और लिवर के लिए फायदेमंद
छुरला गांव के ही युवा गौरव ठाकुर जापानी फल बेचते है। देशभर से व्यापारी सीजन से पहले ही बगीचों को खरीद (Contract Farming) लेते हैं। फल का तुड़ान दिसम्बर महीने में होता है। उनकी कम्पनी 15 से 20 लोगों को रोज़गार भी प्रदान कर रही हैं। परसीमन में प्रोटीन और वसा (Protein And Fat) की मात्रा ज़्यादा होती है। इस फल को दिल और लिवर के लिए फ़ायदेमंद माना जाता हैI
-2 डिग्री तक झेल सकता है ठंड
बाग़वानी विशेषज्ञों का कहना है कि परसीमन -2 डिग्री सेंटीग्रेड तक ठंड (-2 Degree Cold) सहन कर सकता हैI इससे कम तापमान में यह निष्क्रिय हो जाता हैI परसीमन के पेड़ों को सेब की भांति देखभाल की आवश्यकता नहीं रहती। अगर पर्याप्त नमी, पोषक तत्वों से भरपूर अच्छी तरह से सूखी मिट्टी, सूर्य का प्रकाश (प्रतिदिन 8 घंटे या अधिक) हो तो इसकी पैदावार अच्छी और गुणवत्तापूर्ण होती हैI परसीमन के साथ कीट और बीमारियां शायद ही कभी कोई समस्या होती हैं और आमतौर पर केवल तभी दिखाई देती हैं जब पेड़ तनाव में होंI