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दिल्ली दंगों में FB की भूमिका थी: दिल्ली विधानसभा ने कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट को किया तलब
Last Updated on September 12, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में हुए दंगों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक की भूमिका होने की जांच कर रही दिल्ली विधानसभा की कमेटी ने फेसबुक के सीनियर अधिकारी को तलब किया है। दिल्ली विधानसभा की शांति और सौहार्द समिति (Peace and Harmony Committee of Delhi Legislative Assembly) द्वारा फेसबुक (Facebook) इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर अजीत मोहन (Ajit Mohan) को 15 सितंबर को समित के सामने पेश होने के लिए समन भेजा है। दिल्ली दंगों के मामले में फेसबुक की भूमिका पर सवाल उठने के बाद यह समन भेजा गया है।
फेसबुक के कुछ आला अधिकारी बीजेपी के पक्ष में काम कर रहे!
राघव चड्ढा (Raghav Chadha) की अध्यक्षता वाली समिति के मुताबिक, जिस तरह के साक्ष्य सामने आए हैं, उसको देखते हुए दिल्ली दंगों की जांच में फेसबुक को सह आरोपी बनाया जाना चाहिए। फेसबुक के ऊपर आरोप लगे हैं ऐसे में उनके प्रतिनिधि को उनका पक्ष रखने, सवालों के जवाब देने के लिए बुलाया गया है। समिति ने हिंसा फैलाने में वॉट्सएप की भूमिका की जांच करने का भी ऐलान किया है। राघव चड्ढा ने तीन गवाहों- छत्तीसगढ़ के पत्रकार आवेश तिवारी, स्वतंत्र पत्रकार कुणाल पुरोहित और सुभाष गाताडे के बयान के आधार पर यह दावा किया है।
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बता दें कि पिछले महीने फेसबुक ने कहा था कि वो अपने सोशल मीडिया फ्लेटफॉर्म पर आने वाले भड़काऊ पोस्ट पर एक्शन लेता है। तब फेसबुक ने कहा था कि वो कार्रवाई करने के दौरान राजनीतिक दबाव से प्रभावित नहीं होता है। कमेटी के मुताबिक, अभी तक सभी गवाह इस बात पर पुरजोर तरीके से सहमत हैं कि दिल्ली दंगों के दौरान हुए तांडव और तनाव में फेसबुक की कथित भूमिका और उसकी मिलीभगत की स्वतंत्र जांच की जानी चाहिए। कमेटी के चेयरमैन राघव चड्ढा ने बताया कि यह बात सामने आई कि फेसबुक के कुछ आला अधिकारी बीजेपी के पक्ष में काम कर रहे हैं और घृणा फैलाने वाले कंटेंट जानबूझकर अपने प्लेटफार्म से नहीं हटा रहे हैं।