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हिमाचल बीजेपी में बगावत, भगवा नेता जबरदस्त दबाव में
Himachal By Election :शिमला। हिमाचल की सियासत में अब बड़ा खेला हो गया है। इसके पीछे कारण है बीजेपी( BJP) ने उपचुनाव में अपने नेताओं को साइडलाइन कर कांग्रेस ( Congress) के सभी छह बागियों को टिकट थमा दिए हैं। इसके बाद लाहुल स्पीति व कुटलैहड़ में सीधे- सीधे बगावत हो गई है। हालांकि कांग्रेस से बीजेपी में गए बागियों का विरोध तो पहले ही हो रहा था पर अब टिकट मिलने के बाद गुब्बार निकल कर सामने आ गया। जिस को संभालना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती होगा।
इन को बनाया है बीजेपी ने अपना उम्मीदवार
बीजेपी का टिकट पाने वालों में कांग्रेस के बागी गगरेट से चैतन्य शर्मा, धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, बडसर से इंद्र दत्त लखनपाल, लाहुल-स्पीति से रवि ठाकुर और कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो शामिल हैं। ये सभी हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए थे। इन सभी ने राज्यसभा के चुनाव (Rajya Sabha elections) में क्रॉस वोटिंग की थी,उसके बाद प्रदेश में सियासी तूफान आ गया था। विस स्पीकर ने इनकी सदस्यता रद्द कर दी। अब ये सभी उपचुनाव( By-election) लड़ने जा रहे हैं। बीजेपी ने इन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है।
बीजेपी से सामूहिक इस्तीफा देने का एलान
कांग्रेस के बागी रवि ठाकुर को लाहुल-स्पीति से टिकट मिलने के बाद पूर्व मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय (Former Minister Dr. Ramlal Markandey) मंगलवार सुबह लाहुल पहुंचे। इसके बाद रवि ठाकुर ने अन्य पदाधिकारियों के साथ लाहुल-स्पीति बीजेपी से सामूहिक इस्तीफा देने का एलान किया। मार्कंडेय ने कहा कि संभवत: वे कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं।
वीरेंद्र कंवर भी हुए बागी
कुटलैहड़ में बीजेपी के स्थापित नेता रहे वीरेंद्र कंवर (Virendra Kanwar)बगावत पर उतर आए हैं। आज जब देविंदर भुट्टो की वापसी से लिए समारोह का आयोजित किया गया तो उसमें ना तो वीरेंद्र कंवर नऔर ना ही मंडल अध्यक्ष पहुंचे। इससे एक दिन पहले भी वे अपने तेवर दिखा गए थे। गगरेटकी बात करें तो बीजेपी के लिए पार्टी से पूर्व विधायक रहे राजेश ठाकुर चुनौती बनकर खड़े हो सकते हैं। राकेश कालिया पहले ही बीजेपी छोड़ गए हैं।
सुधीर के सामने नैहरिया व राकेश चुनौती
धर्मशाला से सुधीर शर्मा (Sudhir Sharma) को बीजेपी का टिकट मिलने से विशाल नैहरिया और पूर्व प्रत्याशी राकेश चौधरी को संभालना बीजेपी के लिए मुश्किल होगा। सुजानपुर में राजेंद्र राणा के सामने इसलिए चुनौती नहीं कही जा सकती,चूंकि वहां धूमल परिवार को पार्टी पहले ही समझा चुकी हैं। ऐसे में बीजेपी की सेकंड लाइन कोई बड़ी चुनौती नहीं है। बड़सर में इंद्र दत्त लखनपाल के सामने बलदेव शर्मा चुनौती बनकर खड़े हो सकते हैं। यानि यहां पर भी बीजेपी को खतरा बना हुआ है। अब देखना ये होगा कि बीजेपी अपने घर के अंदर बगावत को कैसे रोक पाएगी।