-
Advertisement
चैत्र नवरात्र के पहले दिन शक्तिपीठों में उमड़े भक्त, 2 वर्ष बाद बेरोक टोक हो रहे दर्शन
हिमाचल प्रदेश के सभी शक्तिपीठों में आज विधिवत पूजा अर्चना के साथ चैत्र नवरात्र शुरु हुए। पहले ही दिन आज अलसुबह मंदिर के कपाट खुलते ही भारी संख्या में भक्तों ने मंदिर में दर्शन किए। शक्तिपीठ नयनादेवी मंदिर, माता चिंतपूर्णी, मां चामुंडा, बज्रेश्वरी देवी, मां ज्वाला समेत सभी मंदिरों को चैत्र नवरात्र के लिए सजाया गया हैं। देवभूमि के शक्तिपीठों में 2 साल बाद श्रद्धालु बिना रोक-टोक व बंदिशों के दर्शन और पूजा-अर्चना कर रहे हैं। कोरोना बंदिशें हटने के बाद मंदिरों में घंटियों की मधुर ध्वनि सुनने को मिली है। साथ ही भंडारे का आयोजन किया गया है और भजन व कीर्तन किए जा सकेंगे। खास बात यह है कि ज्यादातर शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं के लिए दान देने के लिए QR कोड व स्वाइप मशीनों की व्यवस्था की गई है।
यह भी पढ़ें- चैत्र नवरात्र 2022: आज से चैत्र नवरात्र शुरू, राशि के अनुसार लगाएं मां दुर्गा को भोगए पलट जाएगी किस्मत!
चिंतपूर्णी मंदिर को नवरात्र मेले के लिए माता के मंदिर को भव्य स्वरूप से सजाया गया है। भक्त कतारों में दर्जन कर रहे हैं चिंतपूर्णी की बारी दार सभा के अध्यक्ष रविंद्र कालिया ने बताया कि 2 से 10 अप्रैल तक चलने वाले चैत्र नवरात्र मेले के दौरान 9 अप्रैल को माता की अष्टमी का भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा। अष्टमी के दिन मंदिर परिसर में 3 विशेष पूजा आयोजित होंगी। उन्होंने बताया कि वह भीड़ की सभी पाबंदियों को इस बार मेले से हटा लिया गया है और करीब 2 वर्ष के बाद मेला अपने पुराने स्वरूप में लौटा है। श्रद्धालु बिना किसी हिचकिचाहट के मां की पवित्र पिंडी के दर्शन करने के लिए पहुंच सकते हैं।कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब 350 सुरक्षा कर्मी तैनात रहेंगे। शक्तिपीठ श्रद्धालुओं के लिए साढ़े 21 घंटे खुला रहेगा। दोपहर 12 बजे से 12:30 बजे और रात 12 बजे से 2 बजे तक मंदिर दर्शनों के लिए बंद रहेगा। मंदिर परिसर में लाउड स्पीकर, ढोल-नगाड़े और बैंड-बाजे पर रोक रहेगी।
शक्तिपीठ नैना देवी में सुबह की आरती के बाद मंदिर में भारी संख्या में भीड़ उमड़ी। मंदिर की भव्य सजावट का कार्य पंजाब की समाज सेवी संस्था के द्वारा किया गया है । पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली और अन्य प्रदेशों से भारी संख्या में श्रद्धालु मां के दरबार में नवरात्र पूजन के लिए पहुंचे हैं। जिला प्रशासन और मंदिर न्यास के द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इस बार भी व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। मंदिर न्यास का सदाव्रत लंगर भी श्रद्धालुओं के लिए खुला रहेगा सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर क्षेत्र में लगभग 400 पुलिसकर्मी होमगार्ड के जवान तैनात किए गए हैं इसके अलावा मंदिर के अंदर 22 एक्स सर्विसमैन भी तैनात है। श्रद्धालुओं को लाइनों में ही माता के दर्शनों के लिए भेजा जा रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर में नारियल व कड़ाह प्रसाद चढ़ाने पर मनाही है।
शक्तिपीठ बज्रेश्वरी देवी मंदिर के कपाट सुबह 5 बजे भक्तों के लिए खुले। लोग सुबह ही दर्शनों के लिए मंदिर पहुंच गए थे । मेलों को लेकर मंदिर को रंग बिरगें फूलों से सजाया गया है। मंदिर के कुछ हिस्से में टेंट लगाया गया है, ताकि गर्म मौसम में श्रद्धालुओं को घूप में ना खड़ा होना पड़े। मंदिर में इस बार श्रद्धालु QR कोड स्कैन करके भी दान कर सकेंगे। नवरात्र के दौरान श्रद्धालुओं की बसें कांगड़ा शहर में प्रवेश नहीं करेंगी। कांगड़ा बाईपास और बज्रेश्वरी घाट में बसों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है। यहां से श्रद्धालुओं को कांगड़ा तक लाने के लिए दो शटल बसों की सुविधा दी गई है। छोटे वाहनों की पार्किंग गुप्तगंगा में होगी।
ज्वालामुखी मंदिर सुबह 4 बजे खुला और भारी संख्या में भक्तों ने मां की पवित्र ज्वाला के दर्शन किए। अभी लोग लाइनों में लग तक दर्शन कर रहे हैं। रात 12 बजे तक श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस की दो बटालियन शहर और मंदिर मैं पूरी निगरानी रखे हुए हैं नवरात्रों में धारा 144 लागू रहेगी और पुलिस प्रशासन ड्रोन के माध्यम से भी व्यवस्थाओं की जांच करेगा। श्रद्धालुओं के दान के लिए मंदिर में जगह-जगह QR कोड की व्यवस्था की गई है, ताकि स्कैन करके श्रद्धालु दान दे सकें।
नवरात्र के पहले दिन चामुंडा मंदिर में खूब भीड़ उमड़ी। आज विशेष पूजा सुबह 9 बजे हुई और दूर दूर से आए भक्तों ने मां के चरणों में शीश नवा कर आशीर्वाद मांगा। नवरात्र के दौरान 24 पुलिस कर्मी तथा 15 गृह रक्षक सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुए हैं। इसके अलावा 12 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे हर गतिविधि पर पैनी नजर रखेंगे। मंदिर को दिल्ली से मंगवाए फूलों से सजाया गया है। चैत्र नवरात्र के सभी व्यापक इंतजाम किए गए हैं।