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हिमाचल में शुरू हुआ ‘पहली शिक्षक-मां’ कार्यक्रम, घर पर मिलेगा सीखने का मौका
सुंदरनगर। हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal Pradesh Government) ने बच्चों के सर्वांगीण विकास में माताओं की अहम भूमिका को लेकर सम्रग शिक्षा के अंतर्गत प्री-प्राइमरी कक्षाओं (Pre-primary classes) के लिए ‘पहली शिक्षक-मां’ कार्यक्रम का आगाज कर दिया है। इस कार्यक्रम की शुरुआत सीपीएस आशीष बुटेल(CPS Ashish Butail) ने मंडी जिला के सुंदरनगर से की। इसके शुभारंभ पर प्रदेश भर से प्री–प्राइमरी कार्यक्रम के जिला समन्वयक, प्री–प्राइमरी कार्यक्रम के कोर ग्रुप सदस्य, चयनित ब्लॉक एलीमेंट्री एजुकेशन अधिकारी, केंद्र मुख्य शिक्षक, अध्यापक, चुनिंदा प्री–प्राइमरी से संबंधित बच्चों की माताएं आदि शामिल हुए। इसके अतिरिक्त प्रदेश की सभी प्राथमिक पाठशालाओं के अध्यापक, अभिभावक विशेष रूप से बच्चों की माताएं, एसएमसी सदस्य एवं अन्य हितधारक वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में मौजूद रहे।
माताओं को समर्थ बनाना कार्यक्रम का उद्देश्य
मीडिया से बातचीत के दौरान सीपीएस आशीष बुटेल ने कहा कि बच्चे की पहली शिक्षक मां ( Mother) होती है और इसको लेकर प्रदेश भर में समग्र शिक्षा के अंतर्गत प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए ‘पहली शिक्षक-मां’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। इससे पढ़ाई के साथ-साथ बच्चे व्यवहारिक ज्ञान भी प्राप्त करेंगें। इसके लिए पहली शिक्षक मां महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक सीखना बच्चों के पहले वर्षों में घर पर होता है।
बच्चे घर पर काफी समय बिताते हैं और इसलिए परिवार, खासकर मां, बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा के समय में उसकी मुख्य शिक्षा हितधारक बनी रहती है। बता दें कि ‘पहली शिक्षक-मां’ कार्यक्रम में माताओं को बच्चों के साथ घर पर विकासात्मक (शारीरिक, बौद्धिक, सामाजिक-भावनात्मक, भाषा व सृजनात्मक) गतिविधियां करवाने एवं स्वास्थ्य, सुरक्षा और पोषण संबंधी आवश्यकताओं के लिए जागरूक करने तथा बच्चों को स्कूल के वातावरण से परिचित करवाने में शिक्षकों की सहायता के लिए माताओं को समर्थ बनाना शामिल है।