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कर्ज नहीं चुका पाया युवक, जंगल में लेना पड़ा शरण, पढ़ें पूरी कहानी
नई दिल्ली। आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी सुनाने जा रहे हैं। जो पिछले करीब 17 सालों से जंगल में अपनी जर्जर हो चुकी सफेद एंबेसडर कार में जी रहा है। दरअसल, इस आदमी का नाम चंद्रशेखर गौड़ा है। कर्नाटक के सुलिया जिले का रहने वाला चंद्रशेखर गौड़ा एग्रीकल्चर लोन नहीं चुका पाने पर अपनी पुश्तैनी जमीन से हाथ धो बैठा। जिसके बाद वो घने जंगल के बीच जाकर अपनी कार में रहने लगा। इस बात की जानकारी मीडिया में काफी अरसे बाद पता चली। बता दें कि उन तक पहुंचने के लिए जंगल के करीबन तीन से चार किलोमीटर तक अंदर जाना पड़ता है।
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बुढ़ापे के कारण चंद्रशेखर की शरीर पर झुर्रियां आ गई है। मांसपेशियों ने भी हड्डी का साथ छोड़ दिया है। लंबे समय से बाल और दाढ़ी नहीं बनाने के कारण बेतरतीब दिखते हैं। चंद्रशेखर के पास कपड़ों के दो टुकड़े और एक जोड़ी रबर की चप्पल है। वह अब जंगल के हिसाब से जीना सीख चुके हैं।बता दें इस हालत में पहुंचने से पहले चंद्रशेखर के पास नेकराल केमराजे गांव में 1.5 एकड़ जमीन थी, जहां वो सुपारी उगाते थे। सब कुछ ठीक चल रहा था। लेकिन साल 2003 में उन्होंने एक सहकारी बैंक से 40,000 रुपये का कर्ज (एग्रीकल्चर लोन) लिया। पर कई कोशिश के बाद उसे चुका नहीं सकें। ऐसे में बैंक ने उनके खेत को नीलाम कर दिया। इस घटना ने चंद्रशेखर को अंदर से तोड़ दिया, जिससे उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई। बहन के परिवार से हो गया झगड़ा चंद्रशेखर के पास रहने को घर भी नहीं था। इसलिए उन्होंने अपनी एंबेसडर कार ली और बहन के घर चले गए। लेकिन कुछ दिन बाद ही बहन के परिवार से उनकी अनबन हो गई। इसके बाद उन्होंने अकेले रहने का फैसला किया और ड्राइव करके दूर घने जंगल में चले गए। जहां उन्होंने अपनी फेवरेट एंबेसडर को पार्क किया और उसे धूप व बारिश से बचाने के लिए प्लास्टिक की शीट से ढक दिया।
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