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Forest fire: सैनधार में आग का तांडव, लोगों ने रातभर लगाया पहरा, जंगल में कटी रात
Forest fire in Sirmaur नाहन। जिला सिरमौर का सैनधार क्षेत्र भीषण आग से दहक रहा है। आलम ये है कि जंगल की आग (Forest fire) पर काबू पाने के बाद भी जंगल सुलग रहे हैं। तीन गांव के दर्जनों ग्रामीणों की रात आग बुझाते जंगल ( Forest)में कटी। काफी हद तक लोगों ने आग पर काबू तो पाया, लेकिन सुबह के समय आग ने फिर तांडव मचाया। इससे वन संपदा को तो भारी नुकसान हुआ ही है, कई ग्रामीणों की घासनियां भी जलकर राख हो गई हैं, लिहाजा, पशुचारे का संकट भी पैदा हो गया है।
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Forest fire in Sirmaur
बिजली की एचटी लाइन से उठी चंगारी
घटना सैनधार इलाके की कोटला मोलर पंचायत(Kotla Molar Panchayat) की है, जहां आग ने भारी तांडव मचाया है। बताया जा रहा है कि इस पंचायत के कोटला वार्ड के भंगण से गुजर रही बिजली की एचटी लाइन (HT Line) से उठी चंगारी से जंगल में आग लगी। इस बीच तेज हवाओं के रुख से चीड़ के जंगल में आग चारों तरफ फैल गई. शनिवार शाम करीब 7 बजे जंगल में आग लगी थी। रातभर ग्रामीण विकास शर्मा, सूर्यकांत, रिंकू, विजय, आकाश, मनोज, देविंदर, माया, देवीराम, धर्मदत्त, सेवती, दाता देवी और राम राखा आदि ग्रामीण अपनी जान जोखिम पर रखकर जंगल में भड़की आग को काबू पाने में जुटे रहे। इस दौरान कई लोगों को चोटें भी आईं।
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बिजली बोर्ड की लापरवाही ग्रामीणों पर भारी
इस अग्निकांड के बीच पालनू गांव के मेलाराम, अशोक, दिनेश, सुशील, पूर्ण चंद, काकाराम, मदन और प्रेमदत्त के अलावा भंगण के धर्मदत्त, देवीराम, विजय शर्मा और ओमप्रकाश की घासनियों को भारी नुकसान हुआ है। विकास शर्मा ने बताया कि बिजली बोर्ड (Electricity board) की लापरवाही ग्रामीणों पर भारी पड़ रही है। कई बार लोग एचटी लाइन( HT Line) बदलकर इसे सड़क से गुजरने की मांग करते थक चुके हैं, लेकिन उनकी समस्या का आजतक समाधान नहीं निकला है। जंगल में हर साल इसी तरह आग लग रही है, जिससे वन संपदा को नुकसान हो रहा है। यदि रात को जागकर लोग आग को नहीं बुझाते तो ज्यादा नुकसान हो सकता था। अब भी आग से जंगल दहक रहे हैं।
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लोग रात को आग बुझाते रहे
इधर, इसी पंचायत के बानाकोटी वार्ड के मझाणु ढांक की निचली तरफ भी आग ने कोहराम मचाया। यहां भी पशुचारे को नुकसान हुआ है। इस जंगल में भी लोग रात को आग बुझाते रहे। पारुल शर्मा ने बताया कि आग से काफी नुकसान हुआ है। किसी तरह लोगों ने रात को आग पर काबू पाया। आग से सुरेश और अन्य लोगों की घासनी जलकर राख हो गई।