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जम्मू में चार जवान शहीद, राजनाथ सिंह के सख्त निर्देश, आतंकियों पर कोई ढिलाई नहीं हो
Terror in Jammu : जम्मू कश्मीर (Jammu kashmir) में आतंकी हमले थमने का नाम नहीं ले रहे है। अब फिर से एक बड़ी मुठभेड़ (Encounter) जम्मू के डोडा में हुई है, जिसमें चार जवान शहीद हो गए हैं। पिछले एक महीने में अब तक 12 जवान, आतंकी हमलों में शहीद हो गए हैं। वहीं, आज हुए हमले (terror Attack) के बाद सरकार भी एक्शन में आ गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने आतंकवादी और उनके संगठनों को लेकर कोई ढिलाई न बरतने के निर्देश दिए हैं। शहीद हुए जवानों में कैप्टन बृजेश थापा,नायक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र, सिपाही अजय के नाम शामिल हैं।
Deeply saddened by the loss of our brave and courageous Indian Army Soldiers in a counter terrorist operation in Urrar Baggi, Doda (J&K). My heart goes out to the bereaved families. The Nation stands firmly with the families of our soldiers who have sacrificed their lives in the…
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 16, 2024
तीन जवान और एक अधिकारी शहीद
आपको बता दें, डोडा मुठभेड़ (Doda Encounter) में तीन जवान और एक अधिकारी शहीद हुए हैं। आठ जुलाई को कठुआ मुठभेड़ में भी पांच जवान शहादत को प्राप्त हुए थे। दोनों ही मुठभेड़ में दहशतगर्द हाथ नहीं लग सके हैं। इन आतंकी हमलों की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने ली है। उधर, जम्मू के डोडा में हुए आतंकवादी हमले को लेकर भारत सरकार (Indian Government) सख्ती के मूड में है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को इस हमले के बाद सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी (Army Chief General Upendra Dwivedi) से फोन पर बात की। उन्होंने इस दौरान आतंकी घटनाओं को लेकर सख्ती से पेश आने के निर्देश दिए. रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकियों और उनके संगठनों के प्रति कोई ढिलाई न बरती जाए।
इस चीज का फायदा उठा रहे आतंकी
उधर, आतंकी हमलों के बाद अब सेना के जवान सर्च (Search Operation) अभियान चलाए हुए हैं। गौर हो इससे पहले हुई मुठभेड़ में भी सेना के पांच सैनिक शहीद हुए थे। इन सैनिकों की शहादत से देश अभी उबर नहीं पाया था कि एक और जख्म इन आतंकियों ने डोडा में हमले के बाद देश को दे दिया है। जानकारी के अनुसार, ये इलाका ऊंचे पहांड़ और जंगल से घिरा हुआ है। यहां न तो बेहतर सड़क सुविधा है और न ही फोन नेटवर्क। मानसून में मौसम भी धुंध से घिरा रहता है। इसी चीज का फायदा उठाकर आतंकी नुकसान पहुंचाने में सफल रहे।
नेशनल डेस्क