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इस मंदिर में मेंढक की होती है पूजा, रोचक है इसके पीछे का कारण
भारत में बहुत सारे मंदिर (Temple) है और यहां देवी-देवताओं को बहुत माना जाता है। हमारे देश में कई अनोखे मंदिर हैं, जिनकी अपनी अलग कहानी है। आमतौर पर सभी मंदिरों में अलग-अलग देवताओं की जाती है, लेकिन हमारे देश में एक मंदिर ऐसा हैं जहां मेंढक (Frog) की पूजा होती है।
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बता दें कि ये अनोखा मंदिर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जिला लखीमपुर-खीरी (Lakhimpur-Kheeri) के ओयल कस्बे में स्थित है। ये पूरे भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर मेंढक की पूजा होती है। मंदिर के सामने ही मेंढक की मूर्ति है और पीछे भगवान शिव का पवित्र स्थल है। मेंढक मंदिर में रखे शिवलिंग का रंग बदलता है। इस मंदिर में खड़ी नंदी की मूर्ति है और मंदिर की दीवारों पर तांत्रिक देवी-देवताओं की मूर्तियां लगी हुई हैं। इसके अलावा मंदिर के अंदर कई विचित्र चित्र भी लगे हुए हैं, जो मंदिर को शानदार रूप देते हैं।
कहा जाता है कि इस जगह पर ओयल शैव संप्रदाय का प्रमुख केंद्र था और यहां के शासक भगवान शिव के उपासक थे। इस कस्बे के बीच मंडूक यंत्र पर आधारित प्राचीन शिव मंदिर भी है। बताया जाता है कि क्षेत्र 11वीं सदी से 19वीं सदी तक चाहमान शासकों के अधीन रहा था। चाहमान वंश के राजा बख्श सिंह ने ही इस अनोखे मंदिर का निर्माण करवाया था। कहते हैं कि इस मंदिर की वास्तु परिकल्पना कपिला के एक महान तांत्रिक ने की थी। तंत्रवाद पर आधारित इस मंदिर की वास्तु संरचना अपनी विशेष शैली के कारण लोगों का मन मोह लेती है। मान्यता है कि सूखे और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया गया था। मेंढक मंदिर में दीपावली के अलावा महाशिवरात्रि पर भी भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।