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पच्छाद में गंगूराम मुसाफिर तो चौपाल में सुभाष मंगलेट हुए आजाद, भरा नामांकन
नाहन/चौपाल। हिमाचल विधानसभा चुनाव (Himachal Vidhan Sabha Election) के लिए आज यानी मंगलवार को नामांकन का आखिरी दिन था। राजनीतिक दलों में टिकट आवंटन के बाद कई नेताओं ने अपनी पार्टी से बगावत कर आजाद प्रत्याशी के रूप में नामांकन भर दिए हैं। प्रदेश कांग्रेस के दो मुख्य नेताओं ने भी आजाद प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इसमें पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से गंगूराम मुसाफिर ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर आज अपना नामांकन पत्र (Nomination Letter) दाखिल किया। वहीं दूसरी सीट शिमला जिला के चौपाल (Chopal) की है। यहां कांग्रेस के पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट ने आजाद चुनाव लड़ने की ताल ठोक दी है।
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गंगूराम मुसाफिर की बात करें तो वह टिकट ना दिए जाने से अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे थे। गंगूराम मुसाफिर ने शनिवार को राजगढ़ में अपने समर्थकों के साथ बैठक कर पार्टी हाईकमान को 25 अक्टूबर तक टिकट बदलने का अल्टीमेटम दिया था। जब हाईकमान ने टिकट नहीं बदला, तो मंगलवार को नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन गंगूराम मुसाफिर (Ganguram Musafir) ने 40 वर्षों के बाद एक बार फिर निर्दलीय प्रत्याशी (Independent Candidate) के तौर पर अपने नामांकन भरा। विदित रहे कि गंगूराम मुसाफिर 1982 में कांग्रेस के प्रत्याशी को हरा कर निर्दलीय विधायक चुने थे। उसके बाद से वह 6 बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते तथा विधायक बने। साथ ही कई विभागों के राज्य मंत्री व कैबिनेट मंत्री तथा विधानसभा अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे। कांग्रेस ने यहां अप्रैल माह में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आई दयाल प्यारी को टिकट दिया है।
सुभाष मंगलेट बोले- असली और नकली कांग्रेस में होगी जंग
वहीं शिमला के चौपाल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट (Subhash Manglet ) ने चुनावी ताल ठोक दी है। कांगेस से टिकट न मिलने से उन्होंने चौपल में समर्थको के साथ निर्दलीय अपना नामांकन भरा। सुभाष मंगलेट ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस से टिकट के लिए आवेदन किया थाए लेकिन कांग्रेस ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दी जिसने 2017 के चुनाव में बीजेपी का साथ दिया। इस बार सर्वे के आधार पर टिकट बांटने की बात कही जा रही हैए लेकिन सर्वे पुरी तरह से फर्जी था। उन्होंने कहा कि इस बार चौपल में असली ओर नकली कांग्रेस की लड़ाई है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच फ्रेंडली मैच चल रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें किसी भी कांग्रेस के बड़े नेता का फोन नही आया है जिससे साफ जाहिर है कि कांग्रेस के नेताओ को भी पता है कि टिकट गलत दिया गया है। जिसकी वजह से वे चुप बैठे हैं और उनका समर्थन भी उनके साथ है।