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आने वाला खतरा भांप लेता है ये रत्न, जानिए और क्या है खासियत
Last Updated on May 3, 2023 by sintu kumar
महंगे रत्नों के बीच कुछ उप रत्न ऐसे हैं जो सस्ते होते हुए भी चमत्कारिक परिणाम देते हैं। ऐसा ही रत्न गार्नेट (Garnet Gem) है, जो आने वाले संकट का संकेत दे देता है। गार्नेट सूर्य का उपरत्न माना गया है। इसे माणिक्य की जगह पहना जाता है। यह सूर्य का उपरत्न होने के साथ बहुत प्रभावशाली भी है। इसे रक्तमणि के नाम से भी जाना जाता है। यह लाल रंग का कठोर रत्न होता है।
अक्सर सस्ती घड़ियों में माणिक्य की जगह इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कीमती घड़ियों में इसका इस्तेमाल नहीं होता बल्कि उनमें असली माणिक्य का प्रयोग करते हैं। यह रत्न सस्ता होने के साथ खूबसूरत तो होता ही है बहुत आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है।
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इस रत्न को अनामिका अंगुली में तांबे में बनवाकर शुक्ल पक्ष के रविवार को प्रातः सवा दस बजे पहनना चाहिए। इसके पहनने से सौभाग्य में वृद्धि, स्वास्थ्य में लाभ, मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। यह यात्रा आदि में सफलता दिलाता है, मानसिक चिन्ता दूर होती है। मन में शंका-कुशंका को भी दूर भगाता है। इसके पहनने से डरावने सपने नहीं आते।
कहा जाता है कि लाल रंग का गार्नेट बुखार में फायदा पहुंचाता है व पीले रंग का गार्नेट पीलिया रोग (Jaundice disease) में फायदा पहुंचाता है। प्राचीन मान्यता है कि यह रत्न यात्रा में किसी प्रकार की हानि, जोखिम से भी रक्षा करता है। जो सबसे हैरान करने वाली बात है, वह यह कि यह रत्न खतरों को भांप कर अपना मूल स्वरूप खो देता है। कभी कष्ट आने पर टूट भी जाता है इसलिए इसे पहनने वाले इसके संकेत को समझ कर उपाय कर सकते हैं। जिन्हें माणिक नहीं पहनना हो वे इसे आजमाकर देख सकते हैं क्योंकि यह जेब पर भारी नहीं पड़ता।