-
Advertisement
यहां एक महिला ने तीन माह में दिया दो बच्चों को जन्म , पढ़े कैसे हुआ ये कारनामा
Last Updated on December 29, 2021 by admin
सरकारी सहायता पाने के लिए लोग क्या कुछ नहीं कर गुजरते। एक महिला ( woman) ने तो नौ माह नहीं बल्कि तीन माह 12 दिन के अंतराल में दो बार बच्चे को जन्म दिया। हैरानी इस बात की है स्वास्थ्य विभाग( Health Department) को इस की भनक तक नहीं लगी। दोनों बार महिला ने लड़के को ही जन्म दिया है। ये सब कारनामा आशा वर्कर( ASHA worker) की मिलीभगत से हुआ है। इस फर्जीवाड़े के पीछे जननी बाल सुरक्षा योजना (Janani Bal Suraksha Yojana) से मिलने वाली धनराशि बताई जा रही है। मामला बिहार के समस्तीपुर जिले के उजियारपुर पीएचसी का है। हरपुर रेबाड़ी गांव की एक महिला दोनों बार उजियारपुर अस्पताल में ही भर्ती हुई और प्रसव भी कराया। मामले का खुलासा होने के बाद एक जांच टीम गठित कर दी है।
यह भी पढ़ें-ये है वो गांव जहां के बच्चों को नहीं पता अपने पिता का नाम, वजह जानने के लिए पढ़े
अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार हरपुर रेबाड़ी गांव की 28 वर्षीय महिला गांव की आशा कार्यकर्ता की मदद से पहली बार 24 जुलाई को उजियारपुर पीएचसी( Ujiarpur PHC)में भर्ती हुई। उसी दिन महिला ने एक लड़के को जन्म भी दिया। इसके बाद उक्त महिला फिर तीन नवंबर को उजियारपुर पीएचसी में प्रसव के लिए भर्ती हुई तथा चार नवंबर को एक लड़के को जन्म दिया। इसके बाद महिला को डिस्चार्ज (Discharge)कर दिया गया। मामले का खुलासा तब हुआ जब उजियारपुर पीएचसी में नवंबर में हुए संस्थागत प्रसव के बाद जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थियों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के भुगतान की डिटेल बन रही थी। जब महिला का पहली बार प्रसव हुआ तो अस्पताल प्रशासन ने 31 जुलाई को जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि भुगतान कर दिया था। लेकिन चार नवंबर को हुए प्रसव कराने को लेकर मामला फंस गया और फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया। अस्पताल के लेखापाल रितेश कुमार चौधरी ने तत्काल इसकी सूचना पीएचसी प्रभारी, अस्पताल प्रबंधक, डीएएम एवं डीपीएम को दी। साथ ही उसका भुगतान रोक दिया गया। उधर समस्तीपुर के सीएस डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने कहा, ‘उजियारपुर पीएचसी में तीन महीने के अंतराल पर प्रसव कराए जाने का मामला सामने आया है। इसमें जांच टीम गठित की गयी है। जांच टीम की रिपोर्ट पर दोषी कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई हुई है।