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Ex Army Chief VK Singh का बड़ा खुलासा- रहस्यमय आग से कारण हुई थी Galwan Valley में सैनिकों में झड़प
Last Updated on June 29, 2020 by saroj patrwal
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ( Former Army Chief General VK Singh)ने गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। उनका कहना है कि 15 जून को गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच जो हिंसक झड़प हुई है। वह एक रहस्यमय आग ( Mysterious fire)की वजह से हुई। यह आग चीनी सैनिकों के टैंट( Tent) में आग लगी थी।
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जनरल सिंह ने बताया, भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल पर बातचीत में यह फैसला हुआ था कि बॉर्डर के पास कोई भी सैनिक मौजूद नहीं होगा। लेकिन जब 15 जून की शाम कमांडिंग ऑफिसर बॉर्डर पर चेक करने गए तो उन्होंने देखा कि चीन के सभी लोग वापस नहीं गए थे। वहां चीनी सैनिकों का टैंट मौजूद था। इस पर कमांडिंग ऑफिसर ने उन्हें टैंट हटाने के लिए कहा। जब चीन के सैनिक टैंट हटा रहे थे, तभी अचानक आग लग गई और इसके बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हो गई। यह पता नहीं चल पाया है कि यह आग कैसे लगी। झड़प के दौरान भारतीय सैनिक चीन से सैनिकों पर हावी हो गए थे । इसपर दोनों देशों ने अपने- अपनी तरफ से सैनिक बुलाए और इस हिंसक झड़प के दौरान चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं।
कर्नल संतोष समेत भारतीय सेना के 20 जवान हुए थे शहीद
15-16 जून की रात गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक टकराव हो गया था। सैनिकों ने एक दूसरे पर डंडे-पत्थरों से हमला कर दिया था। हिंसक झड़प में कर्नल संतोष समेत भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे, जबकि चीन के कमांडिंग अफसर समेत कई सैनिक मारे गए थे। रिपोर्ट्स में बताया गया था कि चीन के 43 सैनिक मारे गए हैं। हालांकि, चीन ने अभी तक मारे गए सैनिकों की संख्या की जानकारी नहीं दी है। इस टकराव के बाद दोनों देशों के बीच एलएसी पर तनाव पहले के मुकाबले अधिक बढ़ गया है। भारत ने नियंत्रण रेखा पर माउंटेन कार्प के एकीकृत बैटल ग्रुप (आईबीजी) की तैनाती की है। इस ग्रुप में शामिल जवान ऊंचे पहाड़ी इलाकों में युद्ध करने में पारंगत हैं। ये समूह खासतौर पर ऊंचे पर्वतीय इलाकों में युद्ध के लिए प्रशिक्षित किए जाते हैं। ये 17वीं माउंटेन कार्प के जवान हैं जिन्हें युद्धक समूहों के रूप में चीन से निपटने के लिए खासतौर पर तैयार किया गया है। यह समूह चीन की हर चुनौती से निपटने में सक्षम है। इसके अलावा भारत चीन के साथ बातचीत और सैन्य कार्रवाई दोनों पर ही विचार कर रहा है।
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