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‘गुलाम नबी आजाद को नहीं, रॉबर्ट वाड्रा का केस लड़ने वाले वकील को राज्यसभा भेजा’
जम्मू। कांग्रेस (Congress) के बड़े नेताओं के बीच संगठन को लेकर सब कुछ ठीक नहीं है। यह बात तो जगजाहिर है, लेकिन इस बीच कांग्रेस से नाराज चल रहे नेता एक बार फिर जम्मू (Jammu) में एकजुट हुए हैं। कांग्रेस को वरिष्ठ नेता जम्मू में जुटे हैं उनमें हाल ही में राज्यसभा से रिटायर हुए गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad), हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कपिल सिब्बल (Kapil Sibal), आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, विवेक तन्खा और राज बब्बर शामलि हैं। इन नेता को इन दिनों G-23 के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल ये नेता गांधी ग्लोबल फैमिली (Gandhi Global Family) के कार्यक्रम में जुटे। गांधी ग्लोबल फैमिली एक एनजीओ (NGO) है और इस एनजीओ (NGO) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद हैं। इसे शांति सम्मेलन नाम दिया गया है। हालांकि बताया जा रहा है कि यह कार्यक्र पूरी तरह से गैर राजनीतिक है, लेकिन इस कार्यक्रम में जो कुछ भी सामने आ रहा है वो कांग्रेस के लिए परेशान करने वाला है।
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दरअसल G-23 के इन्हीं नेताओं ने पिछले साल पत्र लिखकर कांग्रेस हाईकमान पर सवाल खड़े किए थे। ऐसे में एक बार फिर कांग्रेस नेताओं के बीच की अंतरकलह खुलकर सामने आई है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है। ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच यह खींचतान कांग्रेस पर ही भारी पड़ सकती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने गुलाम नबी आजाद की राज्यसभा रिटायरमेंट पर अपनी ही पार्टी पर तीखी टिप्पणी की है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि हम नहीं चाहते थे कि आजाद साहब संसद से जाएं। कपिल सिब्बल ने कहा कि गुलाम नबी आजाद के संसद से जाने से हमें दुख हुआ है। गुमाम नबी कांग्रेस जानते हैं और जमीन को भी जानते हैं। उन्होंने अपनी ही पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि मुझे यह बात समझ नहीं आई कि कांग्रेस गुलाम नबी आजाद के अनुभव का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही है। G-23 के एक ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा है कि आज कांग्रेस में जो कुछ हो रहा है, वो पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में हुई सहमति का उल्लंघन है। आपको बता दें कि हाल ही में उत्तर भारतीयों को लेकर राहुल गांधी द्वारा टिप्पणी किए जाने के बाद भी कपिल सिब्बल ने ही राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया था।
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गुलाम नबी को नहीं भेजा गया था राज्यसभा
आपको बता दें कि कांग्रेस के G-23 नेताओं का मानना है कि गुलाम नबी आजाद के राज्यसभा से सम्मानपूर्ण व्यवहार नहीं हुआ। राज्यसभा से हाल ही में रिटायर हुए गुलाम नबी के लिए कांग्रेस हाई कमान ने सम्मान नहीं दिखाया। कांग्रेस पार्टी के ही एक नेता ने कहा कि जब दूसरी पार्टियां गुलाम नबी आजाद को सीट देने की पेशकश कर रही थीं और पीएम नरेंद्र मोदी भी उनकी तारीफ कर रहे थे तो कांग्रेस के आलाकमान ने उन्हें सम्मान नहीं दिया, जबकि रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) के लिए केस लड़ने वाले एक वकील को राज्यसभा भेज दिया गया।