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समुद्र के अंदर भी मौजूद है बड़ा जंगल और इसका आकार भारत से भी बड़ा
समुद्र (Sea) असीम है। आज तक इसकी गहराई को मापा नहीं जा सका है। समुद्र में विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु (living organisms) पाए जाते हैं। ना जाने इन जीव-जंतुओं की कितनी प्रजातियां हैं। विभिन्न प्रकार की मछलियां, बिच्छू, सांप, ओक्टोपस और भी कई तरह के जीव-जंतु समुद्र में पाए जाते हैं। आपको यह जानकार ताज्जुब होगा कि समुद्र में एक घना जंगल (Thick Forest) भी पाया जाता है, जिसका क्षेत्रफल भारत (India) के क्षेत्रफल से भी बड़ा है। जी हां समुद्र के अंदर एक विशालकाय जंगल मिला है। इसका क्षेत्रफल भारत के क्षेत्रफल से भी दोगुना है। यह जंगल समुद्र की गहराइयों में मिला है। अब पहली बार वैज्ञानिकों ने दुनिया भर के समुद्री जंगलों का नक्शा बना डाला है। तो हमें तो मात्र यही भ्रम था कि जंगल सिर्फ जमीन पर ही पाए जाते हैं। मगर समुद्र में भी जंगल होते हैं और वो भी लहराते हुए जंगल। ये घने जंगल होते हैं। हालांकि अमेजन, नेरू, बोर्नियो, कांगो और ड्रेनिटी दुनिया के सबसे बड़े और घने जंगल हैं मगर समुद्र के अंदर भी जंगल मौजूद हैं। इन जंगलों का पहली बार नक्शा (Map) बनाया गया है। दुनिया भर के समुद्रों में ना जाने कितने जंगल हैं, जिनका ना नाम पता है और ना ही इन्हें कोई पहचानता होगा।
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इस संबंध में बाकायदा रिसर्च (Research) हुई है। इस रिसर्च में सामने आया है कि जमीन की तरह समुद्र के अंदर भी जंगल बुरी तरह से जल रहे हैं। जमीन पर उगने वाले जंगल ही महज गर्म तापमान (Hot Temperature) की वजह से नहीं जल रहे हैं, मगर समुद्र के अंदर भी ज्यादा तापमान होने की वजह से ये जंगल भी जल रहे हैं। समुद्र में तापमान बढ़ने की वजह से इन जंगलों की ईकोलॉजी खराब हो रही है। इसका मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है। इसके कारण उनके विकसित होने और कार्बन (Carbon) सोखने की क्षमता कम होती जा रही है। अब आपके जहन में होगा कि समुद्री जंगलों में कैसे पेड़-पौधे होते होंगे। तो हम आपको बता दें कि समुद्री जंगल आमतौर पर सिवार (Kelp) से बने होते हैं। यह एक प्रकार शैवाल होता है। यह सूरज की ऊर्जा और कार्बन डाइऑक्साइड के माध्यम से फोटोसिंथेसिस कर विकसित होते हैं। अगर सीवीड अच्छा है तो ये काफी मीटर की ऊंचाई तक विकसित हो सकते हैं।
ये जंगल बड़े इलाके में फैलते हैं और पानी की लहरों के साथ-साथ हिलते-डुलते भी रहते हैं। जिस प्रकार जमीन के जंगलों में कई तरह के जानवर होते हैं उसी प्रकार समुद्री जंगलों में भी कई प्रजातियां रहती हैं। इन जंगलों में समुद्री बांस भी होते हैं। ये बांस भी जमीन पर उगने वाले बांसों की तरह ही लंबे होते हैं। वहीं समुद्री घास (Sea Grass) गैसों से भरी आकृतियां होती हैं जो गुब्बारे जैसी होती हैं। यही जंगल फैलकर गैसों, ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड (Oxygen and Carbon dioxide) में बैलेंस बनाते हैं।
इनके तने मजबूत होते हैं। यह इसलिए होता है कि ये समुद्री लहरों को बर्दाश्त कर सूरज की रोशनी की तरफ बढ़ सकें। यह ठीक उसी प्रकार क्रिया करते हैं, जैसे ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट साउदर्न रीफ में फैले हुए गोल्डन केल्प करते हैं। अभी तक यह पता नहीं लगाया जा सका है कि ये जंगल आखिरकार कितने क्षेत्र में फैले हुए हैं। जमीन पर उगे हुए जंगलों को तो सेटेलाइट्स के जरिए से मापा जाता है, लेकिन ऐसा पानी के अंदर करना कठिन है। अतः इस खोज में साइंटिस्टों ने विश्व भर में मौजूद समुद्री, जंगलों, समुद्री सिवारों आदि के डेटा (Data) को खंगाला। इसमें पता चला कि पूरी दुनिया में 60 से 72 लाख वर्ग किलोमीटर समुद्री जंगल मौजूद हैं। जो कि अमेजन से भी बड़े हैं। जमीन पर पैदा होने वाली 2400 गीगाटन ग्रीनहाउस गैसों से निकलने वाली अत्यधिक गर्मी हमारे समुद्र को सोखती हैं। ऐसे में समुद्री जंगलों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ये सभी जंगल जल रहे हैं। जिस प्रकार जमीनी जंगलों में आग लगती है, ठीक उसी प्रकार अधिक तापमान से समुद्री जंगल भी जल रहे हैं। सबसे बुरी हालत पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी कनाडा और कैलिफोर्निया (Western Australia, Eastern Canada and California) के समुद्री जंगलों की है।