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तिब्बत कार्ड’ भारतीय इकोनॉमी के लिए नुकसानदायक: China की धमकी- Tibet मामले को ना छुए भारत
नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा (India-China Bordre) पर जारी तनाव के बीच चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने एक बार फिर अपने लेख के जरिए भारत को एक धमकी भरा संदेश भेजा है। चीन की सरकार का मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय लेख में कहा है कि भारतीय मीडिया के कुछ हिस्से में ये मुद्दा उठाया जा रहा है कि भारत को अपनी नीतियों में परिवर्तन कर तिब्बत कार्ड (Tibet Card) का इस्तेमाल करना चाहिए। चीनी अखबार ने इस इस विचार को बेतुका और रास्ते से भटका हुआ करा दिया है।
तिब्बत को बताया चीन का आंतरिक मसला
“प्रस्तावित ‘तिब्बत कार्ड’ भारतीय इकोनॉमी के लिए नुकसानदायक” शीर्षक से लिखे लेख में ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि भारत में कुछ लोगों का ये सोचना कि चीन के साथ तनाव के दौरान तिब्बत कार्ड से फायदा हो सकता है, यह विचार एक भ्रम है। ग्लोबल टाइम्स ने तिब्बत को चीन का आंतरिक मसला करार देते हुए लिखा है कि भारत (India) को इस मुद्दे को नहीं छूना चाहिए। ग्लोबल टाइम्स ने तिब्बत की तरक्की के बारे में लिखते हुए इस बात का दावा किया है कि हाल के कुछ साल में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में तुलनात्मक रूप से अधिक तेजी से विकास हुआ है। बतौर रिपोर्ट, तिब्बत क्षेत्र में स्थिर सामाजिक वातावरण तैयार करने के लिए तेज विकास एक अच्छी बुनियाद है।
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तिब्बत कार्ड का वास्तविकता में महत्व नहीं
चीनी अखबार ने आगे लिखा है कि ‘तथाकथित’ तिब्बत कार्ड सिर्फ कुछ भारतीयों की कल्पना की उपज है और वास्तविकता में इसका महत्व नहीं है। ग्लोबल टाइम्स ने इस बात का भी दावा किया है कि 2019 में तिब्बत की जीडीपी 8.1 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी। तिब्बत क्षेत्र ने 71 देशों के साथ व्यापारिक संबंध भी बनाए। नेपाल (Nepal) के साथ तिब्बत का व्यापार 26.7 फीसदी बढ़ा है। चीन (China) के अंग्रेजी अखबार ने लिखा है कि चीन विरोधी कुछ ताकतें तिब्बत मुद्दे का इस्तेमाल कर चीन की वन चाइना पॉलिसी के खिलाफ उकसावा पैदा करने का काम करती हैं। लेकिन फैक्ट ऐसे शब्दों से अधिक असरदार है। इस लेख में आगे लिखा गया है कि तिब्बत की इकोनॉमी तेजी से बढ़ती है तो समाज में स्थिरता आएगी। इससे चीन और भारत का व्यापारिक संबंध भी बेहतर होगा।