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मोदी सरकार का बड़ा फैसला: Lockdown में फंसे लोगों को घर भेजने के लिए विशेष ट्रेनें चलाएगी सरकार
नई दिल्ली। भारत में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान देश के विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी मज़दूरों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य लोगों को घर भेजने के लिए विशेष ट्रेनें (Special Trains) चलाने की अनुमति दे दी है। इससे पहले सरकार ने इनको सिर्फ बस के ज़रिए घर भेजने की अनुमति दी थी। बकौल सरकार, रेल मंत्रालय टिकट बिक्री और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर दिशानिर्देश जारी करेगा।
गृह मंत्रालय ने बताया, ‘गृह मंत्रालय ने फंसे छात्रों और मजदूरों को सभी सुरक्षा उपायों के साथ ले जाने के लिए स्पेशल ट्रेनों को चलाने की आज अनुमति दी है।’ शुक्रवार को पीएम आवास पर हुई बैठक में इस बारे में फैसला हुआ। इस मीटिंग में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा, गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा शामिल रहे। इस बैठक के बाद केंद्र सरकार ने मजदूरों को गृह राज्य भेजने सहित तमाम गाइडलाइन जारी की है। जिसके बाद देश के कई राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार से स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग की थी।
रेलवे ने कहा है कि जिस राज्य से मजदूर घर के लिए रवाना होंगे, वहां की सरकार को उनकी जांच करनी होगी। एसिंप्टोमेटिक को ही यात्रा की इजाजत होगी। राज्य को मजदूरों को समूह में स्टेशन तक सैनिटाइज किए हुए बसों में लाना होगा। रेल मंत्रालय ने कहा कि केवल उन्हीं यात्रियों को भेजा जाएगा जिनमें खांसी, सर्दी या बुखार जैसे लक्षण नहीं होंगे। वहीं गंतव्य पर पहुंचने के बाद यात्रियों को राज्य सरकार के हवाले किया जाएगा, जो यात्रियों के स्क्रीनिंग, क्वारंटीन संबंधी सभी की व्यवस्था करेंगे। गृह मंत्रालय ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी मजदूरों और छात्रों के साथ ही तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और अन्य व्यक्तियों के आवागमन को भी मंजूरी दी गई है। लॉकडाउन में फंसे ऐसे लोगों के लिए रेल मंत्रालय के जरिए विशेष ट्रेने संचालित की जाएंगी। वहीं राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए रेल मंत्रालय के जरिए एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा।