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केंद्र का बड़ा फैसला: Lockdown में कर्मचारियों को पूरा वेतन देने का निर्देश वापस लिया
Last Updated on May 19, 2020 by
नई दिल्ली। देश में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए देश भर के कामगारों को एक करारा झटका दिया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कंपनियों और वाणिज्यिक इकाइयों को बड़ी राहत दी है। दरअसल सरकार ने लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान कर्मचारियों को पूरा वेतन देने का पुराना निर्देश वापस ले लिया है। इससे पहले लॉकडाउन के दौरान कारखाने और दफ्तर बंद रहने के बावजूद कंपनियों को अपने कर्मचारियों को पूरा वेतन (Full Salary) देने की बाध्ययता थी।
देश भर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है
लॉकडाउन लगाए जाने के कुछ ही दिन बाद 29 मार्च को जारी दिशानिर्देश में गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी कंपनियों व अन्य नियोक्ताओं को कहा था कि वे प्रतिष्ठान बंद रहने की स्थिति में भी महीना पूरा होने पर सभी कर्मचारियों को बिना किसी कटौती के पूरा वेतन दें।
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इससे पहले 15 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान कहा था कि केंद्र सरकार को पूरा वेतन देने में असमर्थ कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये देश भर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। इसे अभी तब तीन बार बढ़ाया जा चुका है। लॉकडाउन का चौथा चरण सोमवार से शुरू हुआ है।
लॉकडाउन के चौथे चरण को लेकर रविवार को नए दिशानिर्देश जारी
गृह सचिव ने लॉकडाउन के चौथे चरण को लेकर रविवार को नए दिशानिर्देश जारी किए। इसमें कहा गया है कि जहांतक इस आदेश के तहत जारी परिशिष्ट में कोई दूसरा प्रावधान नहीं किया गया हो वहां आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 10 (2) (1) के तहत राष्ट्रीय कार्यकारी समिति द्वारा जारी आदेश 18 मई 2020 से अमल में नहीं माने जाएं। इसमें गृह सचिव द्वारा 29 मार्च को जारी आदेश शामिल नहीं है। उक्त आदेश में सभी नियोक्ताओं को निर्देश दिया गया था कि किसी भी कटौती के बिना नियत तिथि पर श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान करें, भले ही लॉकडाउन की अवधि के दौरान उनकी वाणिज्यिक इकाई बंद हो।