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राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने जाखू मंदिर में नवाया शीश, रोपवे से पहुंचे मंदिर
शिमला। हिमाचल के नए राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद शिव प्रताप शुक्ला शिमला के प्रसिद्ध जाखू मंदिर ( Jakhu Temple in Shimla) पहुंचे। उनके साथ लेडी गर्वनर जानकी शुक्ला भी मौजूद रहीं। राज्यपाल ने जाखू स्थित हनुमान जी के मंदिर में जाकर हनुमान के दर्शन किए और पूजा.अर्चना की। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला रोप वे से जाखू मंदिर पहुंचे थे।
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बता दें कि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में राजभवन के बाहर यह उनकी पहली यात्रा थी। उन्होंने भगवान हनुमान से हिमाचल प्रदेश के नागरिकों पर अपनी अपार कृपा बरसाने और सभी को अच्छा स्वास्थ्य देने की कामना की। इससे पहले हिमाचल के राज्यपाल का पदभार ग्रहण करने पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री (Deputy CM Mukesh Agnihotri) ने शिव प्रताप शुक्ला को बधाई दी। सीएम ने आशा व्यक्त की कि राज्य के राज्यपाल के रूप में शुक्ला का कार्यकाल उपलब्धियों से परिपूर्ण होगा और राज्य को उनके व्यापक अनुभवों का भरपूर लाभ मिलेगा।
हिमाचल को करीब से समझने के लिए करेंगे सड़क मार्ग से यात्रा
राज्यपाल का पदभार ग्रहण करने के बाद शिव प्रताप शुक्ला (Governor Shiv Pratap Shukla) ने राज्यपाल संविधान का एक उच्च पद है और वह राज्य सरकार के साथ समन्वय से कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि वह पूर्व राज्यपालों द्वारा आरंभ किए गए कार्यों को पूरा करेंगे और सीएम से उन कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करने में सहयोग करने का आग्रह भी करेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है और अब वह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश में अधिकांश समय सड़क मार्ग से ही यात्रा करेंगे, ताकि वह लोगों की समस्याओं को जान सकें और हिमाचल को और करीब से समझ सकें। उन्होंने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है और उन्होंने देवभूमि में देवभाषा में शपथ लेकर इस परंपरा को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश में कौशल विकास के लिए भी कार्य करेंगे ताकि युवा पीढ़ी को लाभ मिल सके।
हिमाचल देवभूमि, यहां नशे के लिए कोई जगह नहीं
उन्होंने हिमाचल प्रदेश में नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह बुराई तेजी से हमारी युवा पीढ़ी, देश के भविष्य को अपने शिकंजे में ले रही है। उन्होंने कहा कि सबसे दुखद स्थिति यह है कि आज दूर-दराज के क्षेत्रों में भी नशा अपने पांव पसार रहा हैए जिसे रोकने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल देवभूमि है और यहां नशे के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।