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शिमला। हिमाचल प्रदेश में साहसिक पर्यटन गतिविधियों (Adventure Tourism Activities) को और सुरक्षित बनाया जाएगा। इसके लिए पैराग्लाइडिंग व ट्रैकिंग (Paragliding and Trekking) जैसी गतिविधियों के संचालन में जीपीएस ट्रैकिंग प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। यह बात शनिवार को शिक्षा व भाषा एवं कला संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने यहां साहसिक गतिविधियों जैसे रिवर राफ्टिंग व पैराग्लाइडिंग तथा पर्यटन को और अधिक सुरक्षित बनाने की दृष्टि से पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस प्रकार की गतिविधियों को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं।
गोविंद सिंह ठाकुर (Govind Singh Thakur) ने कहा कि इन साहसिक गतिविधियों को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए विविध साहसिक गतिविधियों संबंधी नियम तैयार किए जा रहे हैं। कठिन ट्रैकिंग रूटों पर जाने वाले पर्यटकों और गाइडों की सुरक्षा की दृष्टि से जीपीएस ट्रैकिंग बैंड के प्रयोग पर बल दिया जाना चाहिए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में राहत व बचाव कार्य को आसानी से किया जा सके। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग (Tourism department) द्वारा प्रदेश की साहसिक गतिविधियों से जुड़े लोगों के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। इन गतिविधियों को संचालित करने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं।
गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि पर्यटन विभाग शीघ्र ही साहसिक गतिविधियों का संचालन करवाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध करवाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटनए वनए पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के मध्य समन्वय स्थापित किया जाएगा। बैठक में साहसिक पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग और ट्रैकिंग में जोखिमों को कम करने तथा इस क्षेत्र को और अधिक संगठित करने पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक यूनुस व साहसिक खेलों से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रशिक्षकों ने हिस्सा लिया।
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