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साहब! पहले से ही Free में सड़क, पक्के रास्ते व लाइटें हैं हमारे पास, फिर ये नगर निगम क्यों
Last Updated on October 5, 2020 by Sintu Kumar
मंडी। ग्रामीण क्षेत्रों को प्रस्तावित नगर निगम मंडी( Municipal corporation Mandi) में शामिल किए जाने का लगातार विरोध हो रहा हैं। विरोध के लिए बनाई गई ग्रामीण संघर्ष समिति के प्रधान रवि सिंह चंदेल ने मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि आने वाली 7 अक्तूबर को गांवों को नगर निगम में शामिल ना करने को लेकर 13 पंचायतों के 25 रेवेन्यू मुहालों के लोगों के द्वारा हस्ताक्षरित आक्षेप पत्र जिला प्रशासन को सौंपे जाएंगे। इसके साथ ही नगर निगम में शामिल ना होने के बारे में जिला प्रशासन से वार्ता का समय भी लिया जाएगा और डीसी के साथ इस बारे में एक बैठक भी आयोजित की जाएगी।
ग्रामीण संघर्ष समिति ( Gramin sanghash simiti) के प्रधान रवि सिंह चंदेल ने कहा कि नगर निगम मंडी शहर के साथ लगते ग्रामीण क्षेत्रों में थोपा जा रहा है। इस बारे में नगर निगम मंडी में शामिल की जाने वाली पंचायतों से ना तो एनओसी ली गई है और ना ही जन प्रतिनिधियों को इस बारे में अवगत करवाया गया है। उन्होंने बताया कि 13 पंचायतों में नगर निगम के विरोध में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है जिसके बाद सभी आक्षेपों को डीसी मंडी के माध्यम से सरकार को भेजा जाना है। रवि चंदेल ने कहा कि ग्रामीण लोग गांव में ही रहना पसंद करते हैं व ग्रामीण पंचायतों में घरद्वार मिलने वाली सभी सुविधाओं से नगर निगम में शामिल होने पर वंचित हो जाएंगे। समिति के अध्यक्ष ने नगर परिषद की अध्यक्ष को जवाब देते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों में पहले से ही फ्री में सड़क, पक्के रास्ते व लाइटें लगी हैं। ग्रामीण संघर्ष समिति ने प्रदेश सरकार से एक बार फिर मांग उठाई है कि मंडी शहर के साथ लगते ग्रामीण क्षेत्रों को पंचायत में ही रहने दिया जाए व इन क्षेत्रों को नगर निगम मंडी में शामिल ना किया जाए। इस दौरान राजेन्द्र मोहन,लेखराज पटियाल,सुमित्रा देवी व अन्य मौजूद रहे।