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सुन लो सरकार! गुड्डू को भी है सहारा योजना की दरकार
मंडी। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मंडी जिले के सेगली के 43 वर्षीय गुड्डू (Guddu) चार वर्षों से बिस्तर पर बीमार है। गुड्डू बीमारी के कारण चल फिर नहीं सकता है। आलम यह है कि इनके पास रहने के लिए एक अदद मकान भी नहीं है। छोटी सी झोपड़ी में गुड्डू अपना गुजर बसर कर रहा है। एक छोटी सी झोपड़ी है। पत्नी छह साल पहले स्वर्ग सिधार चुकी है। एक बेटा है। जिसकी मानसिक स्थिति (Mental health) ठीक नहीं है। एक बेटी है। जिसकी शादी हो चुकी है, वह कभी कभी उनकी देखभाल के लिए आती रहती है।
पंचायत गुड्डू को नहीं मानती गरीब
गुड्डू पिछले 4 वर्षो से बिस्तर पर हैं। चल फिर नहीं सकता। गुड्डू का न तो कोई आयुष्मान कार्ड बना है और न ही कोई हिम केयर कार्ड (Himcare Card)। यहां तक कि पंचायत गुड्डू को गरीब भी नहीं मानती है। जिससे की उसे बीपीएल कार्ड (BPL) का लाभ मिल सके। जानकारी के अनुसार लाचार गुड्डू राम पहले किसी निजी गाड़ी में ड्राइवर की नौकरी किया करता था, तब अपने परिवार का खर्चा चलाया करता था। गुड्डू का कहना है कि अगर मेरी धर्मपत्नी ज़िंदा होती तो मेरी देखभाल करती। एक बेटी है जिसकी शादी यही दुसरे गांव में हुई हैं। वो कभी कभी आती है और मेरे लिए खाना बनाती है, कभी मेरी बेटी ना आ पाये तो मेरा भाई और उसकी धर्मपत्नी खाना देते हैं। और कभी कभी भुखा ही रह जाता हूं। गुड्डू राम अन्दर बाहर जाता है तो लाठी के सहारे। बिना सहारे के गुड्डू दो कदम भी नहीं चल पाता है।
इलाज के लिए बेच दी सारी जमीन
गुड्डू को सरकारी सहायता (Government Help) न मिलने की वज़ह से अपने इलाज के लिए जो उसके पास जमीन थी वो सारी बेच दी। लेकिन उसके बाद भी गुड्डू आज दिन तक बिस्तर पर ही लेटा है। अब तो इलाज के लिए भी दानी सज्जनों की दरकार है। ताकि गुड्डू अपना जीवन यापन करने मे सक्षम हो जाए और किसी पर निर्भर न रहना पड़े।