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Hanuman Jayanti आज, भूलकर भी ना करें ये कार्य; बजरंगबली होंगे क्रोधित
Hanuman Jayanti 2024: हिंदू पंचाग के अनुसार, चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन हनुमान जी (Hanuman Ji) का जन्म हुआ था। इस साल चैत्र पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 23 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 25 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 24 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए हनुमान जयंती 23 अप्रैल यानी आज मनाई जाएगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन भक्तों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, भूलकर भी कुछ कार्य नहीं करने चाहिए। अगर इन कामों को आप करते हैं तो हनुमान जी आप से क्रोधित हो सकते हैं।
चरणामृत का भोग ना लगाएं
हनुमान जयंती के दिन बजरंगबली की पूजा (Bajrangbali Puja) करते हुए ध्यान रखें कि आप उनको चरणामृत का भोग ना लगाएं। आप भगवान को बेसन के लड्डू, चने की दाल जैसी चीजों का भोग लगा सकते हैं।
खंडित मूर्ति को हटाएं
हनुमान जन्मोत्सव पर अगर आप बजरंगबली की मूर्ति की पूजा करते हैं तो ध्यान रखें कि मूर्ति कहीं से खंडित ना हो। अगर मूर्ति कहीं से थोड़ी सी भी टूटी है तो उसे तुरंत हटाकर पानी में प्रवाहित कर दें। साथ ही इस दिन भूलकर भी मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
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काले-सफेद वस्त्र धारण ना करें
इस दिन भूलकर भी काले और सफेद रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ अवसर पर काले वस्त्रों से परहेज किया जाता है। वहीं, आप हनुमान जन्मोत्सव के दिन लाल रंग के वस्त्र धारण कर सकते हैं। साथ ही माता-पिता, गुरुजनों या फिर बड़े-बुजुर्गों को अगर आप इस दिन अपमानित करते हैं तो हनुमान जी की कृपा से वंचित रह सकते हैं।
ये रही पूजा विधि (Puja Method)
हनुमान जी की पूजा की मूर्ति को गंगाजल, दूध, दही, शहद, चंदन से स्नान कराएं। फिर हनुमान जी को लाल कपड़ा पहनाएं। अब मूर्ति को आसन पर स्थापित करें। दीपक जलाकर हनुमान जी की आरती उतारें। हनुमान जी के माछे पर सिंदूर लगाएं और उन्हें फूल माला पहनाएं। साथ ही मिठाई का भोग जरूर लगाएं। बजरंगबली के चरणों में चरण पादुका, पान और सुपारी अर्पित करें। अब हनुमान चालीसा का पाठ करें और रामचरितमानस और बजरंग बाण का पाठ भी जरूर करें।
पूजा के वक्त इन मंत्रों का करे जाप
- ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय
प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा। - ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय
सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा। - ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय
सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा। - मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर |
यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे ||
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। HimachalAbhiAbhi.Com इसकी पुष्टि नहीं करता। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें।