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नोएडा में रोका गया काफिला तो #Hathras के लिए पैदल बढ़े राहुल-प्रियंका; माया-अखिलेश का भी अटैक
Last Updated on October 1, 2020 by Deepak
नई दिल्ली/लखनऊ। हाथरस की गैंगरेप (Gangrape) पीड़िता की मौत हो जाने के बाद से इस मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है। एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश (UP) के 2-2 पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और मायावती ने इस मसले पर योगी सरकार के खिलाफ कड़ा रुख इख्तियार किया हुआ है। वहीं, उत्तर प्रदेश की राजनीतिक जमीन पर अपने फसल लहराने को बेताब कांग्रेस के नेता भी इस मौके को भुनाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा रहे। इसी कड़ी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) अपने भाई और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार से मुलाक़ात करने के लिए दिल्ली से हाथरस का रुख किया, लेकिन इस बीच अपडेट आ रही है कि उनके काफिले को ग्रेटर नोएडा में ही रोक दिया गया है।
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वहीं, हाथरस में स्थानीय प्रशासन द्वारा धारा 144 लगा दी गई है। इसके साथ ही जिले की सीमाओं को भी सील कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा काफिला रोके जाने के बाद राहुल और प्रियंका पैदल ही हजारों कार्यकर्ताओं के साथ हाथरस के लिए रवाना हो गए। दोनों नेताओं का कहना है कि वो पीड़िता के परिवार से मुलाकात करेंगे। कांग्रेस नेता पैदल मार्च करते हुए हाथरस की ओर बढ़ रहे हैं। दोनों नेताओं के साथ हजारों की संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का हुजूम है।
योगी को सीएम पद से हटाकर मठ में भेजें- मायावती
इस सब के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) जमीन पर उतरने के बजाय सोशल मीडिया से आवाज बुलंद कर रहे हैं। मायावती ने केंद्र से मांग की कि सीएम योगी आदित्यनाथ को सीएम पद से हटकर वापस उनके मठ में भेजें। बसपा सुप्रीम मायावती ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हाथरस की घटना के बाद मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद यूपी सरकार कुछ हरकत में आएगी। यूपी के मनचले लोग जो बहन-बेटियों का उत्पीड़न कर रहे हैं, उन पर अंकुश लगाएगी, पर ऐसा नहीं हुआ। आज सुबह मैंने बलरामपुर की एक घटना न्यूज़ में देखी जिसने मुझे झकझोर कर रख दिया। मायावती ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान बीजेपी सरकार में कानून का नहीं बल्कि गुंडों, बदमाशों, माफियाओं, बलात्कारियों एवं अन्य अराजक तत्वों का राज चल रहा है। यहां की कानून व्यवस्था पूरी तरह से दम तोड़ चुकी है। खासकर इस सरकार में यहां की बहन-बेटियां बिलकुल सुरक्षित नहीं है।
हाथरस की मृतका के परिजनों को शासन के मूक आदेश पर प्रशासन ने दौड़ा-दौड़ाकर मारा है. अब जनता भी ऐसे ही इन सत्ताधारियों को दौड़ा-दौड़ाकर इंसाफ़ की चौखट तक खींच के ले जाएगी.
भाजपा के कुशासन का असली रंग जनता देख रही है. कपटियों का लबादा उतरते अब देर नहीं लगेगी. #Hathras#NoMoreBJP
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 1, 2020
वहीं, दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व सीएम ने ताजा ट्वीट में लिखा कि ‘हाथरस की मृतका के परिजनों को शासन के मूक आदेश पर प्रशासन ने दौड़ा-दौड़ाकर मारा है। अब जनता भी इन सत्ताधारियों को दौड़ा-दौड़ाकर इंसाफ की चौखट तक ले जाएगी। बीजेपी के कुशासन का असली रंग जनता देख रही है। कपटियों का लबादा उतरते में देर नहीं लगेगी।’ पूर्व सीएम अखिलेश यादव लगातार ट्वीट करके योगी सरकार को घेर रहें हैं। हाल ही उन्होने कहा था कि हाथरस की बेटी का जबरन दाह संस्कार सबूत मिटाने की कोशिश है यानी गैंगरेप पीडिता का जबरन दाह संस्कार भाजपा सरकार का पाप और अपराध है।