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हिमाचल के हाटी समुदाय को मिला ST का दर्जा, राष्ट्रपति की मंजूरी
शिमला। हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) की सरकार की कोशिशें शनिवार को तब कामयाब हो गईं, जब राज्य के सिरमौर जिले (Sirmour District) के गिरीपार में रहने वाले हाटी समुदाय (Hatti Community) को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने वाले विधेयक को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी। इस संशोधित अनुसूचित जनजाति विधेयक को राजपत्र में अधिसूचित कर दिया गया है।
यह विधेयक 26 जुलाई को राज्यसभा और 16 दिसंबर 2022 को लोकसभा में पारित हुआ था। राज्यसभा में विधेयक पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति को भेजा गया था। इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 सितंबर 2022 को हाटी समुदाय को ट्राइबल का दर्जा दिए जाने को मंजूरी दी थी।
जयराम ठाकुर का होगा अभिनंदन
हाटी समुदाय के लोग पूर्व सीएम जयराम ठाकुर का रविवार को शिमला में अभिनंदन करेंगे। इसके लिए बड़ी संख्या में हाटी समुदाय के लिए शिमला (Shimla) पहुंच रहे हैं। हालांकि हाटी को ST का दर्जा देने की मांग 56 साल से उठती रही है, लेकिन पूर्व CM जयराम ठाकुर के नेतृत्व में इस मांग को प्रमुखता से उठाया गया। अब यह मांग पूरी हो गई है। ST का दर्जा मिलने से सिरमौर की 154 ग्राम पंचायतों की लगभग तीन लाख की आबादी लाभान्वित होगी।
![hatti-community-of-sirmour](https://himachalabhiabhi.com/wp-content/uploads/2023/08/hatti-community11.jpg)
इस वजह से उठी ट्राइबल स्टेट्स की मांग
उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोनसार और हिमाचल के सिरमौर के सटे क्षेत्रों को देखें तो दोनों की बोली, पहनावा, परंपराएं, रहन-सहन, खान-पान, रीति-रिवाज एक जैसा है। टौंस नदी के उस पार जोनसार समुदाय को ST का दर्जा है और इस पार हाटी समुदाय जनजातीय दर्जे के लिए लगभग 60 वर्षों से संघर्ष कर रहा था।
जौनसार क्षेत्र को 1967 में मिला था ट्राइबल का दर्जा
साल 1967 में ही उत्तराखंड के जौनसार बावर क्षेत्र को अनुसूचित जनजाति क्षेत्र घोषित कर दिया गया था, लेकिन उससे सटे हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के लोगों को इसका लाभ नहीं मिला।