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Dalai Lama की जासूसी कर रहा था हवाला कांड में अरेस्ट हुआ चीनी; लामाओं को दे रखी थी रिश्वत
Last Updated on August 16, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। चीनी लिंक वाले हवाला मामले में गिरफ्तार किए गए चीनी नागरिक चार्ली पेंग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बतौर रिपोर्ट्स, मामले की जांच में जुटी एजेंसियों को इस बारे में जानकारी मिली है कि चार्ली पेंग (Charlie Peng) दिल्ली में कुछ लामाओं के संपर्क में था। जांच एजेंसियों को पता चला है कि वह बौद्ध धर्म के सर्वोच्च गुरु दलाई लामा (Dalai Lama) और उनके सहयोगियों के बारे में जानकारी जुटा रहा था। इसके लिए चार्ली पेंग ने दिल्ली में मजनू का टीला (Majnu-ka-tilla) में कुछ लामाओं और अन्य व्यक्तियों को रिश्वत दी थी। आईटी विभाग के मुताबिक दिल्ली में मजनू का टीला के पास पैकेट में पैसा (2 लाख से 3 लाख रुपए के बीच) व्यक्तियों को दिया गया था। जानकारी के मुताबिक यह पैसा व्यक्तियों को दलाई लामा और उनके सहयोगियों की जानकारी इकट्ठा करने के लिए दिया गया था।
नेपाल से शुरू हुआ था इस चीनी शाजिश का सफर
बताया गया कि चार्ली पेंग इस काम के लिए लोगों से चीनी ऐप वी चैट से संपर्क करता था। आईटी विभाग ने कहा है कि चार्ली पेंग लुओ सांग के साथ काम करने वाले ऑफिस बॉयज़ का इस्तेमाल इन पैकेट्स को छोड़ने के लिए किया जाता था। इनकम टैक्स विभाग ने दलाई लामा की जासूसी में चीनी एजेंसियों की संलिप्तता को लेकर जानकारी अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ भी साझा की है, जिससे कि मामले से जुड़े अन्य पहलुओं पर ध्यान दिया जा सके। बता दें कि मजनू का टीला में बौद्धों की बड़ी आबादी रहती है, इसलिए यह शक पुख्ता नजर आ रहा है कि चार्ली पेंग ने दलाई लामा की जानकारी जुटाने के लिए लोगों से संपर्क किया था। वहीं, पुलिस द्वारा पूछताछ किए जाने पर यह भी पता चला है कि चार्ली पेंग 2009 में 6 तिब्बतियों के साथ पैदल नेपाल (Nepal) गया था। नेपाल में वह 2009 से 2014 तक काठमांडू के पास गेलुग मठ में रहा।
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तिब्बती आई कार्ड भी हासिल कर चुका था चार्ली पेंग
पेंग ने वहां अपना औषधि और जड़ी बूटियों का कारोबार शुरू किया था। इस काम में उसे अच्छी कमाई हुई। मठ में रहने के दौरान वहां के कुछ लोगों ने उसे भारत जाने का सुझाव दिया। उसे सुझाव में बताया गया कि वहां वह अच्छा पैसा कमा सकता है। इसके बाद साल वह 2014 में बस से काठमांडू से नई दिल्ली के मजनू का टीला आ गया। जहां वह मजनू का टीला इलाके में वह पंजाबी बस्ती में रहा। इस दौरान नेपाल मठ और वहां के दस्तावेजों के आधार पर उसने तिब्बती आई कार्ड हासिल कर लिया था। चार्ली पेंग का दिल्ली में धीरे-धीरे कारोबार बढ़ा और उसने द्वारका में एक फ्लैट ले लिया। इसके बाद एक दलाल के माध्यम से उसने भारतीय आधार कार्ड और पैन कार्ड भी बनवा लिए। बाद में चार्ली पेंग द्वारका से गुरुग्राम शिफ्ट हो गया। अब हवाला नेटवर्क का पता चलने के बाद पुलिस उससे और भी कई मामलों में पूछताछ कर रही है।