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पहाड़ों पर अंधाधुंध और बेतरतीब निर्माण से जुड़े मामले की सुनवाई 16 को
शिमला। कुमारहट्टी (Kumarhatti) के समीप मल्टी स्टोरी निर्माण पर राज्य सरकार भवन मालिकों को 48 घंटे में नोटिस जारी करेगी। यह जानकारी राज्य सरकार की ओर से अदालत को दी गई। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ (Chief Justice AA Syed and Justice Jyotsna Riwal Dua) की खंडपीठ ने सरकार से 16 नवंबर तक स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार की दलीलों से असहमति जताई। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया था कि कुमारहट्टी के समीप बहुमंजिला इमारतों के निर्माण की जांच के लिए संयुक्त कमेटी का गठन किया गया है। अतिरिक्त उपायुक्त सोलन (Additional Deputy Commissioner Solan) की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता, जिला वन अधिकारी और टॉउन एंड कंट्री प्लानर (District Forest Officer and Town and Country Planner) को इसका सदस्य बनाया गया है। अदालत को बताया गया था कि इस कमेटी का गठन 20 सितंबर को किया गया था। अदालत को यह भी बताया गया था कि कुमारहट्टी क्षेत्र को नजदीकी प्लानिंग क्षेत्र में मिलाए जाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि इस बारे मंत्रिमंडल की ओर से अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बड़ोग क्षेत्र नजदीक होने के कारण कुमारहट्टी को साडा बड़ोग में विलय करने की संभावना भी तलाशी जा रही है।
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उल्लेखनीय है कि पहाड़ियों पर बेतरतीब व अवैध निर्माणों के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट (High Court) ने मुख्य सचिव से जवाब शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश दिए थे कि वह अपने जवाब शपथ पत्र में यह भी स्पष्ट करें कि प्रदेश की कौन सी अथॉरिटी ने सोलन जिला के गांव खील झालसी से कोरों गांव को मिलाकर कैंथरी गांव तक के 6 किलोमीटर की सड़क के दोनो तरफ बहुमंजिला इमारतों को बनाने की अनुमति प्रदान की है।
कोर्ट ने प्रथम दृष्टया पाया था कि ऐसे बेतरतीब और अंधाधुंध निर्माणों को रोकने के लिए कोई निर्धारित नियम नहीं है। कोर्ट का मानना था कि पर्यावरण दृष्टि से संवेदनशील इलाके में यह इमारतें पहाड़ों को काटकर बनाई गई प्रतीत होती है। प्रार्थी कुसुम बाली ने याचिका में यह भी बताया है कि यह निर्माण गैरकानूनी है। इनसे पर्यावरण पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकते हैं। कोर्ट ने प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी पहाड़ों को काटकर इन अंधाधुंध और बेतरतीब निर्माणों को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों से अवगत करवाने के आदेश भी मुख्य सचिव को दिए थे। कोर्ट ने याचिका को विस्तार देते हुए इसे पूरे राज्य में पहाड़ों पर अंधाधुंध और बेतरतीब निर्माण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सम्बंधित आला अधिकारियों को कोर्ट के समक्ष तलब भी तलब किया था।