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गुड़िया मामलाः दोषी नीलू चरानी की सजा पर सुनवाई 18 मई तक टली
कोरोना कर्फ्यू के चलते हिमाचल प्रदेश के गुड़िया मर्डर व दुष्कर्म मामले (Gudiya Murder and rape Cases) में दोषी नीलू चरानी की सजा अब 18 मई तक के लिए टल गई है। आज सीबीआई की विशेष अदालत( CBI Special Court) में दोषी की सजा तय होनी थी लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद सभी अधीनस्थ अदालतें आगामी आदेश तक के लिए बंद है। इसी कारण से अब शिमला की विशेष अदालत खुलने के बाद ही सजा पर फैसला होगा। इससे पहले विशेष अदालत ने 28 अप्रैल को हुई सुनवाई में नीलू चरानी को भारतीय दंड सहिंता की धारा 376(2)1, 376 ए, 302 और पॉक्सों अधिनियिम की धारा 4 के तहत दोषी करार दिया था। इसके बाद आज उस की सजा तय होनी थी।
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क्या था मामला
हिमाचल की राजधानी शिमला (Shimla) जिले के कोटखाई के महासू स्कूल की दसवीं कक्षा की छात्रा 4 जुलाई 2017 को स्कूल से आने के बाद अचानक लापता (Missing) हो गई थी। दो दिन बाद 6 जुलाई को उसकी लाश दांदी के जंगल में नग्न अवस्था में पाई गई। फॉरेंसिक रिपोर्ट में छात्रा के साथ रेप के बाद हत्या की पुष्टि हुई थी। शुरूआत में शिमला पुलिस ने गैंगरेप की धाराओं में मामला दर्ज कर इस मामले की जांच की और पांच आरोपी भी गिरफ्तार किए। लेकिन एसआईटी जांच से जनता संतुष्ट नहीं हुई जिसके चलते सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
ये पांचों आरोपी बाद में बेल पर छोड़ दिए गए थे और सीबीआई की ओर से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। 18 जुलाई 2017 को कोटखाई थाने में एक आरोपी सूरज की संदिग्ध मौत के बाद जनाक्रोश भड़का। केंद्र की ओर से सीबीआई जांच को लेकर स्थिती स्पष्ट नहीं हो पाने और प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिती बिगड़ते देख सरकार सीबीआई जांच को लेक हाई कोर्ट गई और हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच करने के आदेश जारी किए। सीबीआई ने इस मामले में 13 अप्रैल 2018 को एक नीलू नामक एक चिरानी को गिरफ्तार किया था और उसके खिलाफ जुलाई 2018 में कोर्ट में चालान पेश किया था। अब नीलू को दोषी करार दिया गया है।