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हिमाचल में यहां झमाझम बरसे मेघ, बारिश ने मचाई तबाही, कल भी नहीं मिलेगी राहत
शिमला। हिमाचल में मानसून (Monsoon) के शुरू होते ही हालात बद्तर होने लगे हैं। प्रदेश में जहां भूस्खलन (landslides) होने शुरू हो गए हैं। तो वहीं कई सड़क मार्ग बंद हो गए हैं। प्रदेश में कई स्थानों पर बिजली गुल है। प्रदेश में झमाझम बारिश (Heavy Rain) हो रही है। सोमवार को भी राजधानी शिमला सहित धर्मशाला में जमकर बारिश हुई है। शिमला में दोपहर बाद हुई बारिश के बाद शहर भर की सड़कें जलमग्न हो गईं। इसी तरह से धर्मशाला (Dharamshala) में भी बारिश ने जिला प्रशासन की पोल खोल कर रख दी है। नालियां बंद होने से पानी सड़कों पर बहता रहा। जिससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
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रविवार रात हुई भारी बारिश से कांगड़ा, हमीरपुर और चंबा में नदी-नाले उफान पर हैं। जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी करते हुए लोगों को नदी.नालों के समीप ना जाने की सलाह दी है। मौसम विभाग की माने तो प्रदेश भर में अभी राहत के आसार नहीं हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला (Meteorological Center Shimla) ने मंगलवार को भी प्रदेश भर में बारिश का येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल में सोमवार शाम तक 16 सड़क मार्ग, सात बिजली ट्रांसफार्मर और 17 पेयजल योजनाएं ठप रहीं।
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बता दें कि रविवार रात से हो रही बारिश के कारण कांगड़ा जिला में कई जगह भूस्खलन की भी खबरें सामने आई हैं। शाहपुर के धारकंडी में लाहड़ी के पास हुए भूस्खलन से रिडकमार-सल्ली सड़क मार्ग बंद (Road Closed) हो गया था। बस में बैठे लोगों ने खुद मलबा हटाकर सड़क को बहाल किया। रिड़कमार-बोह सड़क पर रुलेहड़ स्कूल के पास नोल नाला भी भारी उफान पर है। वहीं शिमला (Shimla) में भी कई जगह पर भूस्खलन हुए हैं। जिससे सड़कांे पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रूक गई।
चंबा जिले में कच्चा मकान और गोशाला क्षतिग्रस्त
चंबा जिले में भारी बारिश के कारण सलूणी उपमंडल में एक कच्चा मकान और गोशाला क्षतिग्रस्त हुई है। चांजू-बघेईगढ़ सड़क पर करीब 15 घंटे तक यातायात ठप रहा। कुल्लू (Kullu) की सैंज घाटी की मुख्य सड़क भारी बारिश के चलते छह घंटे तक बंद रही। लारजी-सैंज सड़क पर तलाड़ा गांव के पास पागल नाला में भारी मलबा आने से रविवार देर रात 3:00 बजे से सोमवार सुबह 9:00 बजे तक यातायात बंद रहा। इसी तरह से ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से सोलंगनाला के पास सोलंग गांव को जोड़ने वाली अस्थायी पुलिया बह गई है। ग्रामीणों ने स्वयं इस पुल का निर्माण किया था। पुल बह जाने के कारण सोलंग गांव का संपर्क घाटी से कट गया है।