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हाईकोर्ट ने बहाल रखा थुनाग कोर्ट का स्टेटस, जयराम के गृह क्षेत्र सराज में वकीलों का संघर्ष रंग लाया
संजीव कुमार/ गोहर। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र सराज में सिविल कोर्ट थुनाग को बहाल कर दिया गया है। इसके संबंध में हाईकोर्ट ने अधिसूचना जारी की गई है। इससे पहले कोर्ट ने थुनाग कोर्ट को रेगुलर कोर्ट से सर्किट कोर्ट में बदल दिया था, लेकिन बार एसोसिएशन थुनाग के कड़े विरोध के बाद एक बार फिर सिविल कोर्ट को बहाल कर दिया गया। हाईकोर्ट ने 23 मार्च को जारी न्यायिक अधिकारियों के तबादला आदेशों में आंशिक फेरबदल करते हुए थुनाग कोर्ट का रेगुलर स्टेटस बहाल रखा है। सोमवार देर शाम को जारी नई नोटिफिकेशन के मुताबिक थुनाग कोर्ट में कार्यरत न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी प्रतीक गुप्ता के तबादला आदेश निरस्त कर दिए गए हैं। पहले 23 मार्च को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक प्रतीक गुप्ता का तबादला कोर्ट नंबर चार शिमला के लिए किया गया था। उनके स्थान पर डलहौजी कोर्ट में तैनात सिविल जज सुमित ठाकुर को भेजा गया था। दूसरे दिन 24 मार्च को हाईकोर्ट ने तबादला आदेश में बदलाव करते हुए थुनाग कोर्ट का अतिरिक्त दायित्व सिविल जज गोहर को दिया था और महीने में एक सप्ताह यहां सर्किट कोर्ट लगाने के आदेश दिए थे।
न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी प्रतीक गुप्ता के तबादला आदेश भी निरस्त
थुनाग कोर्ट को रेगुलर कोर्ट से सर्किट कोर्ट करने का बार एसोसिएशन सराज स्थित थुनाग ने कड़ा ऐतराज जताया। बार एसोसिएशन के सदस्यों ने इस नोटिफिकेशन का विरोध करते हुए प्रस्ताव पारित किया और पिछले एक सप्ताह से कोर्ट की कार्यवाही से अनुपस्थित रहकर आंदोलनरत थे। सोमवार को बार एसोसिएशन ने कोर्ट परिसर के बाहर सांकेतिक धरना भी दिया था। बार एसोसिएशन सराज की इस मुहिम को बार एसोसिएशन गोहर का भी भरपूर समर्थन मिला। गोहर में भी बार ने प्रस्ताव पारित कर हाईकोर्ट भेजा और चार दिन कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। सर्किट कोर्ट की नोटिफिकेशन रद्द होने पर संघर्षरत बार एसोसिएशन ने राहत की सांस ली है। एसोसिएशन के सदस्य हेमसिंह ठाकुर ने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण सराज जैसे दुर्गम क्षेत्र में कोर्ट होना अनिवार्य है ताकि लोगों को घर द्वार पर न्याय मिल सके। ललित ठाकुर, कुलदीप सिंह, नरेश कुमार, नारायण सिंह, नरेंद्र रेड्डी, मुरारी लाल, महेंद्र, हुकुम सिंह, दिव्यांशु ठाकुर और मोनिका ने कहा कि हम इसके लिए हाईकोर्ट का आभार व्यक्त करते हैं।
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