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शिमला। हाईकोर्ट (High Court) ने उस रिक्विजिशन पर रोक लगा दी, जिसके तहत आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों के टीजीटी (कला) (TGT Art) बैचवाइज भर्ती के लिए रोजगार कार्यालयों से नाम मंगाए थे। न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर व न्यायाधीश चंद्रभूसन वारोवालिया की खंडपीठ ने 24 फरवरी 2020 को जारी रिक्विजिशन पर स्थगन आदेश पारित करते हुए राज्य सरकार को 29 जुलाई तक जवाब दाखिल करने के आदेश जारी किए। सुरेश कुमार द्वारा दायर याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार ने बीपीएल (BPL) श्रेणी को आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग में समायोजित कर दिया, जिससे कि बीपीएल श्रेणी के उम्मीदवारों के साथ अन्याय किया गया है।
बीपीएल श्रेणी के उम्मीदवारों की वार्षिक आय 35000 रखी गई है, जबकि आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों की वार्षिक आय चार लाख तक रखी गई है। प्रार्थी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा बीपीएल श्रेणी के उम्मीदवारों को आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग में समायोजित किए जाने का फैसला पूर्णतया गलत है। हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया प्रार्थी की दलीलों से सहमति पाते हुए फिलहाल उस रिक्विजिशन पर रोक लगा दी, जिसके तहत आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों के नाम रोजगार कार्यालय से मंगाए गए थे।
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