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वॉक इन इंटरव्यू में चयनित डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र पत्र जारी ना करने पर हाईकोर्ट सख्त
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने वॉक इन इंटरव्यू में चयनित डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र जारी ना करने पर कड़ा संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी को निजी हलफनामा दायर करने के आदेश दिए। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने प्रार्थी डॉक्टर ऐश्वर्या ठाकुर और अन्य डॉक्टरों की याचिका पर सुनवाई के पश्चात यह आदेश दिए। प्रार्थी डॉक्टर 6 माह से अपने पक्ष में आए हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना की राह देख रहे हैं। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को शपथपत्र दायर न करने की सूरत में प्रतिकूल आदेशों की चेतावनी भी दी है। 17 नवम्बर 2022 को हाईकोर्ट ने प्रार्थियों के हक में फैसला सुनाते हुए उन्हें 2 सप्ताह के भीतर नियुक्ति पत्र जारी करने के आदेश दिए थे।
मामले पर सुनवाई 31 मई को निर्धारित की गई है
इन्ही आदेशों में कोर्ट ने मामले को अनुपालना के लिए 30 दिसम्बर को रखा था। उस दिन सरकारी वकील द्वारा आदेशों की अनुपालना हेतु अतिरिक्त समय की मांग की गई और मामला अनुपालना के लिए 7 जनवरी 2023 को निर्धारित किया गया। इसके बाद भी प्रार्थियों को नियुक्ति देने की बजाय सरकार द्वारा तारीख पे तारीख मांगी जाती रही। 6 अप्रैल 2023 को सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि वह सर्वोच्च न्यायालय में हाईकोर्ट के आदेशों को चुनौती दी जा रही है इसलिए सरकार ने एक बार फिर से तारीख की मांग की। 27 अप्रैल को मामले पर सुनवाई के पश्चात कोर्ट ने अनुपालना न होने पर सरकार को संबंधित सचिव का नाम कोर्ट को बताने को कहा था।
10 अप्रैल को मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि आदेशों पर अमल न करने वाली सरकारी वकील की दलील गुमराह करने वाली है। इसके बाद सरकार की ओर से बताया गया कि स्वास्थ्य सचिव का नाम एम सुधा देवी है। कोर्ट ने उक्त अधिकारी को हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना न करने के कारण सपष्ट करने के आदेश दिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक हाईकोर्ट के आदेश सुप्रीम कोर्ट से स्थगित अथवा निरस्त नहीं हो जाते तब तक हाईकोर्ट के आदेशों का पालन और उसकी अनुपालना करना सरकार का कर्तव्य है। मामले पर सुनवाई 31 मई को निर्धारित की गई है।