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हिमाचल बनेगा इलेक्ट्रिक वाहनों का हब, प्रदर्शनी से लोगों को किया जाएगा जागरूक
शिमला। हिमाचल प्रदेश को इलेक्ट्रिक वाहनों का हब बनाया जाएगा। लोगों को जागरूक करने के लिए मंडी (Mandi) के पड्डल मैदान में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव (International Shivratri Festival) में इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रदर्शनी (Electric Vehicle Exhibition) आयोजित की जाएगी। इस प्रदर्शनी में इलेक्ट्रिक वाहनों के विभिन्न मॉडल प्रदर्शित किए जाएंगे। वहीं लोगों को जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए मोटर वाहन निरीक्षक तैनात किए जाएंगे। यह बात मंगलवार को परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह (Transport Minister Bikram Singh) ने कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) को प्रोत्साहन प्रदान के लिए बहुआयामी प्रयास कर रही है। इस दिशा में हिमाचल प्रदेश सरकार ने जनवरी, 2022 में प्रदेश की इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी की घोषणा की है। इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य हिमाचल प्रदेश को विद्युत गतिशीलता और इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में वैश्विक केंद्र बनाना है तथा विद्युत चालित वाहनों के लिए सार्वजनिक एवं निजी चार्जिंग की आधारभूत संरचना को तैयार करना है।
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बिक्रम सिंह ने बताया कि 2 मार्च, 2022 से मंडी के पड्डल मैदान में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के अवसर पर परिवहन विभाग द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। प्रदेश सरकार (Himachal Govt) ने राज्य में वर्ष 2025 तक 15 फीसदी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों से बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन पूरी तरह से सुरक्षित हैं और यह वाहन सभी प्रकार की टेस्टिंग प्रक्रिया से गुजरते हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) को भी विशेष बल मिलता है, क्योंकि इनके प्रयोग से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता।
इलेक्ट्रिक वाहनों के रख-रखाव में कम होता है खर्च
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों का रख-रखाव में खर्च भी कम होता है और पेट्रोल और डीजल वाहनों की अपेक्षा इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रति किलोमीटर खर्च कम होता है। उन्होंने कहा कि छोटे इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी को घर पर ही बिजली के सॉकेट से जोड़ कर चार्ज किया जा सकता है और यह पेट्रोल, डीजल और गैसोलिन की तुलना में काफी सस्ती पड़ती है। इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रयुक्त होने वाली बैटरी कई वर्षों तक चलती है और इन वाहनों द्वारा ध्वनि प्रदूषण ना के बराबर होता है।
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