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Sukhu Cabinet में आज होगा बड़ा धमाका, पेपर लीक मामले में फंसी भर्तियों पर भी फैसला संभावित !
Sukhu Cabinet Meeting : शिमला। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu)की अध्यक्षता में हिमाचल प्रदेश कैबिनेट (Himachal Cabinet) की बैठक आज होगी। इस बैठक में बजट सत्र (Budget Session) की तिथियों पर फैसला होगा। बजट सत्र मार्च महीने के पहले हफ्ते से प्रस्तावित है। इस बैठक में इसके अलावा स्कूलों के लिए बने दो शिक्षा निदेशालयों को मर्ज कर एक बनाने पर भी फैसला हो सकता है। वहीं, हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग के पेपर लीक मामले में फंसी भर्तियों को लेकर शनिवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में फैसला हो सकता है।
बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय होने हैं
जो पोस्ट कोड अभी भी फंसे हुए हैं, उनमें पोस्ट कोड 980 ड्राइंग मास्टर, पोस्ट कोड 962 क्लर्क -सचिवालय प्रशासन, पोस्ट कोड 971 लाइनमैन-बिजली बोर्ड, पोस्ट कोड 928 स्टेनो टाइपिस्ट-कई विभाग, पोस्ट कोड 977 मार्केट सुपरवाइजर-मार्केटिंग बोर्ड, पोस्ट कोड 916 फायरमैन-अग्निशमन विभाग, पोस्ट कोड 970 जूनियर इंजीनियर-फॉरेस्ट शामिल हैं। इनमें से स्टेनो टाइपिस्ट भर्ती परीक्षा में विजिलेंस ब्यूरो ने मामला लेट दर्ज किया है। मार्केट सुपरवाइजर परीक्षा में फाइनल रिजल्ट भी घोषित हो गया है, लेकिन मेरिट में मुख्य आरोपी उमा आजाद का बेटा भी टॉपर था। इसलिए उन्हें अब तक नियुक्तियां नहीं मिली हैं। इसके अलावा बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय होने हैं। सबसे अहम मसला इस वक्त ओपीएस (OPS) की जगह यूपीएस (UPS) का है। इसे लेकर केंद्र सरकार की चिट्ठी आई हैं,इस पर कैबिनेट में विचार-विमर्श किया जाना है।
केंद्र सरकार ने यूपीएस लागू करने की बात दोहराई
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को एक बार फिर पत्र लिखकर यूपीएस लागू करने की बात दोहराई है। पत्र में केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को कहा कि सरकार अगर राज्य में यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू करती है तो उसे 1600 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इससे पहले भी केंद्र सरकार इसी संबंध में राज्य सरकार को एक चिट्ठी लिख चुकी है, लेकिन राज्य सरकार केंद्र के दबाव के आगे नहीं झुकी। कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में पुरानी पेंशन को लागू करने की गारंटी दी थी, जिसे पूरा करते हुए (Congress Govt) कांग्रेस सरकार ने 1.36 लाख कर्मचारियों को ओपीएस दी थी। जिस पर केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर कई तरह की आर्थिक पाबंदियां लगा दी थी।
बावजूद इसके सुक्खू सरकार ने ओपीएस को लागू करने का फैसला किया, ताकि सरकारी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और वह बुढ़ापे में आत्मसम्मान के साथ जीवन यापन कर सकें। पुरानी पेंशन (Old Pension) लागू करने के बाद केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश की ऋण सीमा में कटौती करते हुए इसे 6600 करोड़ रुपए तय कर दिया। इसके साथ ही बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए तीन वर्ष में कुल 2900 करोड़ रुपए लेने की सीमा तय की गई है, जबकि पहले इसके लिए कोई सीमा तय नहीं थी। अब हिमाचल सरकार (Himachal Govt) केंद्र सरकार की चिट्ठी के बाद इस पर पुनर्विचार करने को मजबूर हो गई है। चूंकि प्रदेश की आर्थिक हालत बेहद खराब हो चुकी है। बैठक को लेकर प्रदेश के कर्मचारियों में भी खासी हलचल है।
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-संजू चौधरी