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हिमाचल विधानसभा में कैग की रिपोर्ट: सरकार पर 86 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज
रविंद्र चौधरी/धर्मशाला। हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Winter Session Of Himachal Assembly) के आखिरी दिन पेश महालेख नियंत्रक (कैग) की रिपोर्ट में सरकार पर कर्ज (Debt) और उसके एवज में चुकाई जाने वाली ब्याज की रकम (Interest Payment) का ब्योरा पेश किया गया है। हिमाचल पर कर्ज बढ़कर 86 हजार 589 करोड़ पहुंच चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक बीते माली साल में सरकार ने 13 हजार 55 करोड़ रुपए कर्ज उठाया। वहीं, राजस्व घाटा (Revenue Deficit) 6 हजार 335 करोड़ बताया गया है, जो 2021-22 के 7 हजार 962 करोड़ से कुछ कम है। वित्तीय वर्ष 2022-23 की इस रिपोर्ट के मुताबिक 2021-22 और 2022-23 में सरकार ने करीब 4 हजार 242 करोड़ की रकम खर्च की, लेकिन विभिन्न एजेंसियों से नहीं यूसी सर्टिफिकेट (UC Certificate) नहीं लिए। कैग ने इस पर सवाल उठाते हुए सरकार से इस बारे में आवश्यक कदम उठाने की बात कही है।
लोक लुभावन योजनाओं पर खर्च बढ़ा
रिपोर्ट के मुताबिक जहां साल 2021-22 में वेतन पर 11 हजार 641 करोड़ रुपए सालाना खर्च हो रहा था, वहीं छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद इसमें चार हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी के साथ हर साल वेतन पर खर्च 15 हजार 669 करोड़ पहुंच गया है। इसी तरह पेंशन के भुगतान (Payment For Pension) पर भी खर्च की राशि 2021-22 के 6 हजार 88 करोड़ से बढ़कर 2022-23 में 9 हजार 283 करोड़ से अधिक हो गई। लगातार कर्ज लेने से सरकार को ब्याज पर भी 2021-22 के 4 हजार 472 करोड़ के मुकाबले 2022-23 के 4 हजार 828 करोड़ रुपए खर्च करना पड़ा। इसी तरह लोक लुभावन घोषणाओं (Popular Schemes) को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा उपदानों पर खर्च की जा रही राशि भी 2021-22 के 1240 करोड़ से बढ़कर 2022-23 में 1973 करोड़ तक पहुंच गई है।