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शिमला। हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Winter Session) के आखिरी दिन शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री (Deputy Chief Minister Mukesh Agnihotri) ने नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट सदन में रखी गई। इस रिपोर्ट में कई बातें सामने आई हैं, लेकिन सबसे अहम बात सरकारी सिस्टम की सुस्त कार्यप्रणाली उजागर हुई है। जिसने एक बार फिर हिमाचल सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कैग रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हिमाचल सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 623.40 करोड़ (6,23,39,68,317) रुपए बिना बजट प्रावधान के खर्च किए हैं।
रिपोर्ट में बिना बजट खर्च की गई राशि को वित्तीय अनियमितता बताया और सरकार को भविष्य में सरकार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन कानून के प्रावधानों का पालन करने की सलाह दी है। ऐसा नहीं करने से राज्य का राजकोषीय घाटा मौजूदा वित्त वर्ष में 4.98 फीसदी से बढ़कर 5.84 प्रतिशत होने का अनुमान है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार ने 7.87 करोड़ रुपए के खर्च के प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए। लिहाजा इसे कैग ने सस्पेंस अकाउंट में रखा है।
CAG यानि Comptroller and Auditor General of India की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी सिस्टम की सुस्ती इस कदर है कि वर्ष 2020-21 और वर्ष 2021-22 के करोड़ों रुपए के विकास कार्यों के उपयोगिता प्रमाण जमा ही नहीं करवाए गए। कैग रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर विभागों ने विभिन्न योजनाओं का बजट खर्च करने के बाद उसके यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट (Utilization Certificate) ही जमा नहीं कराए। 4752 करोड़ रुपए से ज्यादा के काम के सर्टिफिकेट नहीं मिलने पर केंद्र सरकार ने संबंधित विभागों को बार-बार सर्टिफिकेट देने को लिखा। फिर भी विभागों ने 2359.15 करोड़ रुपए के 1796 काम के सर्टिफिकेट जमा नहीं करवाए। कैग की रिपोर्ट में टिप्पणी दर्ज की गई है कि ये भी सुनिश्चित नहीं है कि उक्त रकम खर्च हुई है या नहीं?
CAG-Report
भारत के संविधान के अनुच्छेद 150 के अनुसार राज्य के लेखों को भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की सलाह के अनुसार रखा जाना है। वर्ष 2021-22 के दौरान प्रदेश की राज्य सरकार ने प्रधान महालेखाकार (लेखा व हकदारी) की सलाह लिए बिना बजट में 136 नए उप शीर्ष खोले। राज्य सरकार ने इन शीर्षों के तहत बजट प्रावधान प्रदान किए और 2021-22 के दौरान इनमें 2,641,81 करोड़ का व्यय किया।
कैग के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक राज्य की राजस्व प्राप्तियां 37,110 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। राजस्व प्राप्तियों में 735,36 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी होगी। चिंता इस बात को लेकर है कि आय कम और राजस्व व्यय 42,470 करोड़ का अनुमानित है। अनुमानित से राजस्व व्यय 2191 करोड़ रुपए ज्यादा है।
हिमाचल में सरकार (Himachal Govt) पर करीब 10 हजार करोड़ रुपए की देनदारी कर्मचारियों की बकाया है। कैग रिपोर्ट में कहा गया कि प्रदेश का राजस्व घाटा बढ़कर 1456,32 करोड़ और राजकोषीय घाटा 1642,49 करोड़ तक पहुंच जाएगा। एफआरबीएम कानून के अनुसारए राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। मगर, चालू वित्त वर्ष में इसके 5,84 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है।
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