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दूध की गारंटी पर बवाल के बीच चंद्रकुमार बोले- बन रही हैं दुग्ध कमेटियां
रविंद्र चौधरी/ धर्मशाला। हिमाचल सरकार की 10 गारंटियों (10 Guarantees) में से एक किसानों से 100 रुपए किलो दूध खरीदने की गारंटी को लेकर गुरुवार को विधानसभा सत्र (Himachal Assembly Session) शुरू होने से पहले मचे बवाल के बाद सदन में भी यह मामला गूंजा। कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि किसानों से दूध खरीदने के लिए दुग्ध समितियां (Milk Committies) गठित की जा रही हैं। सरकार हर गारंटी को पूरा करेगी।
इससे पहले बीजेपी के विधायकों ने शीतकालीन सत्र (Himachal Assembly Winter Session) के तीसरे दिन विधानसभा के बाहर दूध के बर्तन लेकर प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहीं नकद तो कही डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) के माध्यम से दूध (Milk) खरीदा और सरकार को अपनी गारंटी की याद दिलाई। कांग्रेस ने हिमाचल विधानसभा चुनाव से पहले 80 रुपये प्रति किलो में गाय का दूध और 100 रुपये प्रति किलो के भाव पर भैंस का दूध खरीदने की गारंटी दी थी।
बागवानों को सस्ते में मिलेंगे उपकरण
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि एचपीएमसी (HPMC) बागवानों को वर्तमान दरों पर प्रदान किए जा रहे उपकरणों की कीमतों को कम करेगी। बागवानों (Fruit Growers) को राहत प्रदान करने के मकसद से एचपीएमसी ने अपनी कमीशन को 15 से घटाकर 9 फीसदी करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि एचपीएमसी अब उपकरणों को सीधे इनके निर्माताओं से खरीदेगी। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य भुवनेश्वर गौड़ के प्रश्न के उत्तर में बागवानी मंत्री ने कहा कि बीते चार सालों में वर्ष 2022 तक एचपीएमसी और हिमफैड ने बागवानों से एमआईएस (MIS) के तहत 240 करोड़ रुपए से अधिक के फलों की खरीद की है। इस राशि में से 183.81 करोड़ रुपए का भुगतान बागवानों को कर दिया गया है। भुगतान नकद के साथ-साथ उपकरणों, कीट व फफूंदनाशक मुहैया करवाकर किया गया। अभी भी एचपीएमसी और हिमफैड (Himfed) ने बागवानों को 28.73 करोड़ रुपए की रकम का भुगतान किया जाना है। बागवानी मंत्री ने बताया कि एचपीएमसी ने एमआईएस के तहत बागवानों को खरीदे फलों के एवज में उन्हें 15.87 करोड़ रुपए का भुगतान करना है, जबकि हिमफैड ने बीते चार सालों का वर्ष 2022 तक 12.86 करोड़ रुपए का भुगतान करना है।