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CPS की नियुक्ति: केस ट्रांसपर पर सुप्रीम कोर्ट में नहीं हो सकी सुनवाई
नई दिल्ली/शिमला। हिमाचल प्रदेश में मुख्य संसदीय सचिव (CPS) की नियुक्तियों के मामले में केस ट्रांसफर (Case Transfer) करने की हिमाचल सरकार की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी। बीजेपी विधायकों की ओर से इस केस की पैरवी कर रहे एडवोकेट सत्यपाल जैन तो कोर्ट में मौजूद थे, लेकिन दो बार आवाज लगाने के बाद भी हिमाचल सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। अब इस मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है।
हिमाचल सरकार ने CPS केस को हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की पिटीशन (Petition) डाल रखी है। इसी मामले में शनिवार को हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) में सुनवाई होनी है। हिमाचल हाईकोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान सरकार ने बहस के लिए वक्त मांगा था। हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील बहस पूरी कर चुके हैं।
इन सभी ने हाईकोर्ट में दी है चुनौती
हिमाचल सरकार द्वारा तैनात छह CPS की नियुक्ति को BJP के 11 विधायकों, पीपल फॉर रिस्पांसिबल गवर्नेस संस्था और एक महिला ने हाईकोर्ट में चुनौती (Challenged In Himachal High Court) दी है। याचिका में CPS की नियुक्ति को असंवैधानिक (Unconstitutional) बताया गया है। BJP विधायकों ने डिप्टी CM की तैनाती को भी चुनौती दे रखी है। इस मामले में हाईकोर्ट ने फैसला रिजर्व रखा हुआ और राजभवन से भी डिप्टी CM की शपथ से जुड़ा रिकॉर्ड अगली सुनवाई के लिए मांग रखा है।
CPS को व्यक्तिगत तौर पर प्रतिवादी बनाया
कोर्ट ने याचिकाकर्ता की अपील पर CPS को व्यक्तिगत तौर प्रतिवादी बनाया है। याचिका में दलील दी गई कि हिमाचल और असम में संसदीय सचिव की नियुक्ति के लिए बनाए गए अधिनियम एक जैसे हैं।