-
Advertisement
हिमाचल की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप बनाई जाएं ई-बसें: CM
रविंद्र चौधरी/धर्मशाला। हिमाचल सरकार ने ओईएम कंपनियों (OEM Companies) ने राज्य की ज्योग्राफी (Geography) को देखते हुए ई-बसें (E-Buses) बनाने को कहा है। सरकार का कहना है कि ग्रीन कॉरिडोर (Green Corridor) में चलने वाली ई-बसों की लोडिंग क्षमता भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार होनी चाहिए। यह बात शुक्रवार को CM ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) कंपनियों के साथ धर्मशाला (Dharamshala) में बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। CM ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के लोगों को बेहतर और आरामदायक परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विनिर्माण प्रक्रिया में आधुनिक प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने और उच्च गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
ई-बसों के लिए जल्द जारी होंगे टेंडर
CM ने कहा कि टाइप 1, 2 और 3 ई-बसों को चरणबद्ध तरीके से अपनाया जा रहा है, ताकि 31 मार्च, 2026 तक स्वच्छ और हरित ऊर्जा राज्य (Green Energy State) बनने का लक्ष्य पूर्ण किया जा सके। ई-बस खरीद के लिए निविदाएं शीघ्र ही जारी की जाएंगी, जिसमें आपूर्ति के लिए समय-सीमा को सख्ती से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लागत अनुकूलित करने और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए राज्य ने हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की 1500 डीजल बसों को चरणबद्ध तरीके से बदलने की योजना बनाई है। हिमाचल सरकार परवाणू-नालागढ़-ऊना-हमीरपुर-संसारपुर, पांवटा-नाहन-सोलन-शिमला, परवाणू-सोलन-शिमला-रामपुर-लोसर, मंडी-जोगिंदरनगर-पालमपुर-धर्मशाला-कांगड़ा-पठानकोट तथा किरतपुर-बिलासपुर-मंडी-मनाली-केलंग-जिंग-जिंगबार में ग्रीन कॉरिडोर की स्थापना करने जा रहा है।