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तबादला संबंधी सुनवाई पर हिमाचल हाईकोर्ट ने शिक्षक संघ को दी ये चेतावनी
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ की सिफारिश पर किए गए गणित प्रवक्ता के तबादला आदेश को रद्द कर दिया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि शिक्षक महासंघ से कोई भी ऐसी तबादला संबंधी सिफारिश नहीं करेगा। जिसमे संबंधित अध्यापक की सहमति से ना हो।
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ऐसी सिफारिशों पर अमल ना करें विभाग
हाईकोर्ट ने संबंधित अथॉरिटी को भी आदेश दिए कि वह ऐसी किसी सिफारिश पर अमल ना करें। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर अब कोई ऐसा मामला शिक्षक संघ की सिफारिश संबंधी मामला कोर्ट के समक्ष आया, जिसमें अध्यापक की सहमति नहीं है तब संघ को अयोग्य ठहरा दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि प्रार्थी सुशील कुमार को स्थानांतरित करने की सिफारिश केवल स्कोर सेटल करने के लिए की गई है, वह भी एक ऐसे संगठन के कहने पर जिसका मुख्य कार्य अपने सदस्यों और अध्यापकों के हितों की रक्षा करना है। इतना ही नहीं संघ जिसे प्रतिवादी विभाग के प्रशासन या कामकाज से कोई सरोकार नहीं है, उसने ऐसी सिफारिश न केवल तबादलों को लेकर की बल्कि कुछ अध्यापकों की पदोन्नति को लेकर भी की।
याचिकाकर्ता की सुनवाई पर कोर्ट ने कहा
प्रार्थी ने सीनियर सेकेंडरी स्कूल बलदुहक जिला हमीरपुर से सीनियर सेकेंडरी स्कूल थोना जिला मंडी को किए तबादला आदेश को चुनौती दी थी। कोर्ट ने कहा कि बेहतर प्रशासन के लिए कर्मचारियों को बार-बार स्थानांतरित कर परेशान किए जाने के डर से बचाया जाना चाहिए। इस तरह के हस्तक्षेप से सरकारी सेवकों का मनोबल टूट जाता है। कर्मचारी संघ मुख्य रूप से कर्मचारियों की शिकायतों को उजागर करने के लिए गठित किया गया है। बेशक वह संबंधित शिक्षक की सहमति से ट्रांसफर की सिफारिश भी कर सकता है, लेकिन संघ कर्मचारियों के एक विशेष स्टेशन के लिए तबादले की सिफारिश नहीं कर सकता। यह काम पूरी तरह से प्रशासनिक विभाग का है।
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