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डिप्टी रेंजर को रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर के पद पर किया जाए पदोन्नत, आदेश जारी
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court ) ने डिप्टी रेंजर (Deputy Ranger) को रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर के पद के लिए पात्र पाए जाने पर पदोन्नत करने के आदेश जारी किए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने प्रार्थी प्रकाश चंद की याचिका को स्वीकार करते हुए वन विभाग को प्रार्थी की पदोन्नति से जुड़े सील्ड कवर खोलने के आदेश दिए। कोर्ट ने कहा कि यदि प्रार्थी पात्र पाया जाता है तो उसे पदोन्नत (Promoted) कर 31 अगस्त 2021 से रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर (Range Forest Officer) बनाया जाए। कोर्ट ने 2 माह के भीतर यह कार्यवाही पूरी कर सभी सेवा लाभ देने के आदेश भी दिए। प्रार्थी पर कोटि रेंज में 416 पेड़ों के अवैध कटान के दौरान अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए गए थे। प्रार्थी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी अमल में लाई गई जिसमें उसे 7 जुलाई, 2020 को आरोप मुक्त कर दिया गया था।
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प्रार्थी के खिलाफ वर्ष 2018 में हिमाचल प्रदेश प्रीवेंशन ऑफ स्पेसिफिक करप्शन प्रैक्टिसेज एक्ट 1983 की धारा 14 के तहत प्राथमिकी भी दर्ज है। 3 मार्च 2021 को एसपी शिमला ने प्रार्थी के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति मांगी थी। 27 अगस्त 2021 को उप सचिव वन ने अभियोजन स्वीकृति दे दी। इसके पश्चात सीजेएम शिमला की अदालत (Shimla Court) से अभी तक प्रार्थी के खिलाफ आरोप तय नहीं किए गए हैं। प्रार्थी का आरोप था कि उसे पदोन्नत नहीं किया गया है और उसका मामला वन विभाग (Forest Department) ने सील्ड कवर में रखा हुआ है।प्रार्थी का कहना था कि उसके खिलाफ चलाई गई विभागीय कार्यवाही में वह बरी हो चुका है और आपराधिक मामले में उसके खिलाफ आरोप भी तय नहीं हुए हैं। ऐसी स्थिति में कानूनन उसके मामले में सील्ड कवर प्रक्रिया नहीं अपनाई जा सकती। कोर्ट ने प्रार्थी की दलीलों से सहमति जताते हुए कहा कि सील्ड कवर प्रक्रिया विभागीय कार्यवाही में चार्ज मेमो और आपराधिक मामले में चार्जशीट जारी होने के बाद ही अमल में लाई जा सकती है।