- Advertisement -
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने दिव्यांग मेधावी छात्रा निकिता के डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने की उम्मीदें जगा दी हैं। हाईकोर्ट ने दिव्यांग छात्रा (Disabled Student) द्वारा नीट परीक्षा पास करने के बाबजूद मेडिकल कालेज में दाखिला ना देने के फैसले को चुनौती देने से जुड़े मामले में पीजीआई (PGI) के निदेशक को निर्देश दिया है कि वह प्रार्थी की दिव्यांगता का आकलन करें। न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने पीजीआई के निदेशक को आदेश दिए है कि वह 9 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करें।
मामले पर आगामी सुनवाई 12 दिसंबर को निर्धारित की गई है। याचिका में दिए तथ्यो के अनुसार मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए अधिकृत किए गए चंडीगढ़ के राजकीय मेडिकल कॉलेज ने इससे पूर्व उसे 78% दिव्यांगता का प्रमाण पत्र दिया था। मंडी की अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी ने कांगड़ा के बाबा बड़ोह की निवासी व्हीलचेयर का इस्तेमाल करने वाली निकिता चौधरी को टांडा मेडिकल कॉलेज (Tanda Medical College) आवंटित किया था। लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने अपने नियम का हवाला देकर उसका दोबारा मेडिकल कराया और उसकी दिव्यांगता 78% से बढ़ाकर 90% बता दी। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक 80% तक दिव्यांगता वाले विद्यार्थी ही एमबीबीएस में प्रवेश के पात्र हैं। टांडा मेडिकल कॉलेज ने इसकी दिव्यांगता को 80 फीसदी से ज्यादा बताते हुए उसे दाखिले की दौड़ से बाहर कर दिया। दो विरोधाभासी विकलांगता प्रमाण पत्र होने की वजह से प्रदेश हाईकोर्ट ने उपरोक्त आदेश पारित कर दिए।
हिमाचल हाईकोर्ट ने मादक पदार्थों की तस्करी के आरोपी की जमानत याचिका खारिज (Bail Plea Rejected) कर दी। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने सेक्टर 38, चंडीगढ़ निवासी गगनदीप सिंह की जमानत याचिका को आधारहीन पाते हुए खारिज कर दिया। मामले के अनुसार पुलिस को सूचना मिली थी कि 11 मार्च 2022 को एक टैक्सी कुल्लू से बगलहेर पुल की तरफ जा रही है। उसमें चार पांच लोग बैठे हैं। सूचना थी कि अगर टैक्सी समेत उसमें बैठी सवारियों की को पकड़ा जा सका तो भारी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद किए जा सकते हैं। इस सूचना के बाद पूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एक रेडिंग पार्टी का गठन किया गया। रेडिंग पार्टी ने टैक्सी की तलाशी ली। तलाशी करने पर कार से 1.236 किलोग्राम चरस (Charas) मिली। कोर्ट ने जांच रिकॉर्ड के आधार पर पाया कि आरोपी अन्य आरोपियों के साथ पकड़ा गया था और जांच रिपोर्ट से यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि प्रार्थी ने कोई अपराध नहीं किया है।
- Advertisement -