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धर्मशाला की गाबली पंचायत के पूर्व प्रधान के खिलाफ दर्ज होगा आपराधिक मामला, हिमाचल हाईकोर्ट ने दिए आदेश
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने सरकारी खजाने के फर्जीवाड़े और दुरुपयोग को लेकर दायर याचिका का निपटारा करते हुए ग्राम पंचायत गाबली दड़ी तहसील धर्मशाला के पूर्व प्रधान (Former Panchayat Pradhan) व पूर्व वार्ड सदस्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के आदेश दिए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने जिलाधीश कांगड़ा को भी इन दोनों समेत अन्य दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई अमल में लाने के आदेश दिए है। प्रार्थी ने उक्त दोनों प्रतिवादियों पर आरोप लगाया था कि इन्होंने ग्राम पंचायत क्षेत्र में सामुदायिक भवन के निर्माण (Construction of Community Hall) के लिए स्वीकृत धनराशि का घपला किया था। इसकी शिकायत (Complaint) भी संबंधित अधिकारियों को की गई थी।
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आरोप था कि सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 9 लाख 54 हजार रुपए स्वीकृत होने के बावजूद भवन का निर्माण नहीं किया गया। इस जांच के बावजूद दोनों आरोपी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। प्रार्थी द्वारा लगाए गए आरोपों की सत्यता जांचने के लिए हाईकोर्ट ने लोकल कमिश्नर को मौके पर जा कर रिपोर्ट तैयार करने के आदेश भी दिए थे। लोकल कमिश्नर की रिपोर्ट के अनुसार जहां सामुदायिक भवन बनाया जाना था वहां अब घणी झाड़ियां है। डेढ़ से चार फीट गहरे 15 खड्ढे भी असमान तरीके से खुदे हुए पाए गए और कोई भी दीवार अथवा पिलर नहीं पाया गया।
जांच में पाया गया था कि 5 मार्च 2011 को सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए 9 लाख 54 हजार रुपए स्वीकृत किए गए थे और 2 मई, 2011 को 4 लाख रुपए भी जारी कर दिए गए थे। संबंधित विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कोर्ट को बताया कि भवन निर्माण का काम जारी है। कोर्ट ने लोकल कमिश्नर की रिपोर्ट और सरकार की रिपोर्ट में विरोधाभास पाते हुए टिप्पणी की कि विभागीय प्रतिवादियों ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से नहीं किया। कोर्ट ने रिकॉर्ड के मुताबिक पाया कि इस मामले में सरकारी धन का दुरुपयोग (Misappropriation of Public Money) हुआ है। कोर्ट ने पुलिस को मामले की जांच 6 महीने में पूरी कर अंजाम तक पहुंचाने के आदेश दिए।