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हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश, 13 अप्रैल से पहले बागवानों को दी जाए सब्सिडी
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड की स्कीम (National Horticulture Board scheme) के अंतर्गत तीन बागवानों को सब्सिडी देने के आदेश पारित कर दिए। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने तीन बागवानों द्वारा उनके क्लेम को गलत तरीके से निरस्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के पश्चात यह निर्णय सुनाया। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड को भारत सरकार ने 1984 में स्थापित किया था। यह बोर्ड बागवानी के विकास और प्रोत्साहन के लिए कई तरह की स्कीमों को लागू कर रहा है। बागवानों (Gardeners) को सहायता प्रदान करने के लिए सब्सिडी का प्रावधान भी रखा गया है। नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड द्वारा किसी प्रोजेक्ट की कुल लागत 50 लाख तक होने पर 35 फ़ीसदी सब्सिडी (Subsidy) देने का प्रावधान रखा गया है। जबकि 72ण्5 लाख कॉस्ट वाले प्रोजेक्ट पर सब्सिडी की राशि 50 फ़ीसदी रखी गई है।
प्रोजेक्ट कंप्लीट नहीं है कहकर रद्द कर दी थी सब्सिडी
याचिकाकर्ताओं ने सेब के फलों की पैकिंग व ग्रेडिंग यूनिट को स्थापित करने के लिए बैंक से लोन लिया और सब्सिडी के लिए नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड के समक्ष आवेदन दाखिल किया। सब्सिडी देने के लिए उनके क्लेम को यह कहकर रद्द कर दिया कि उनके द्वारा स्थापित किए जाने वाला प्रोजेक्ट कंप्लीट नहीं हुआ है। कोर्ट ने पाया कि उनको दिए जाने वाले आवेदन को गलत तरीके से खारिज कर दिया जबकि ज्वाइंट इंस्पेक्शन टीम की रिपोर्ट (Joint Inspection Team Report) के मुताबिक उन्होंने यूनिट का कार्य समाप्त कर लिया था और कार्य में हुई देरी के लिए दिए स्पष्टीकरण को नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड ने गलत तरीके से नजरअंदाज कर दिया था। प्रदेश उच्च न्यायालय ने तीनों याचिकाकर्ताओं सुधीर खीमटा, ज्योति लाल मेहता व राजेंद्र सिंह को 13 अप्रैल से पहले पहले सब्सिडी जारी करने के आदेश जारी कर दिए।
अदाणी ग्रुप को 280 करोड़ रुपए लौटने से जुड़े मामले की सुनवाई टली
मैसर्स अदाणी पावर लिमिटेड (M/s Adani Power Limited) के 280 करोड़ रुपए ब्याज सहित लौटने से जुड़े मामले पर सुनवाई 27 मार्च को होगी। हिमाचल सरकार की ओर से उक्त मामले में बहस के लिए अतिरिक्त समय की मांग की गई। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने समक्ष सरकार और अडानी ग्रुप द्वारा एक दूसरे के विरुद्ध दायर अपीलों पर सुनवाई के लिए 27 मार्च की तारीख निर्धारित कर दी। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट की एकल पीठ ने हिमाचल सरकार (Himachal Govt) को जंगी-थोपन-पोवारी विद्युत परियोजना के लिए जमा किए गए 280 करोड़ रुपए की राशि वापिस करने के आदेश दिए थे। सरकार ने इस मामले में अपील करने में देरी कर दी थी। अतः सरकार को अपील दायर करने में हुई देरी को माफ करने की अर्जी भी देनी पड़ी थी। सरकार ने फीस वापसी के आदेशों पर रोक लगाने की गुहार भी लगाई थी परंतु कोर्ट ने एकल पीठ के आदेशों पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।