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हिमाचल हाईकोर्ट ने चरस आरोपी की घटाई सजा, 10 वर्ष से कम कर 4 साल की
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court ) ने एक किलोग्राम चरस (Charas) रखने के आरोपी को दोषी ठहराए जाने के निर्णय पर अपनी मोहर लगा दी है। हालांकि इस जुर्म के लिए सुनाई गई सजा को हाईकोर्ट ने संशोधित करते हुए 10 वर्ष की कठोर कारावास (Sentence) को 4 वर्ष करते हुए विशेष न्यायाधीश कुल्लू के निर्णय में संशोधित किया है। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने हरियाणा निवासी रविंद्र कुमार की अपील का निपटारा करते हुए जुर्माने की राशि को भी एक लाख से 25 हजार रुपये किया है।
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30 जून 2010 को पुलिस ने निरमंड के समीप नाका लगाया था। दोषी निरमंड की तरफ से आ रहा था। चेकिंग करने पर पुलिस ने उसके थैले से एक किलोग्राम चरस बरामद की। पुलिस ने मामले की प्रारंभिक जांच कर मादक पदार्थ निरोधक अधिनियम की धारा 20 के तहत प्राथमिकी दर्ज की। मामले की जांच के बाद अभियोजन पक्ष ने दोषी के खिलाफ निचली अदालत में अभियोग चलाया। अभियोजन पक्ष ने दोषियों के खिलाफ अभियोग साबित करने के लिए 8 गवाह पेश किये। निचली अदालत ने दोष साबित होने पर उसे 10 साल की कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस निर्णय को दोषी ने हाईकोर्ट के समक्ष अपील के माध्यम से चुनौती दी। हाई कोर्ट ने मामले से जुड़े तमाम रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद पाया कि निचली अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए सबूतों को सही तरीके से परखा है। चरस रखने के जुर्म के लिए दोषी करार दिए जाने के निर्णय को सही ठहराते हुए खंडपीठ ने सजा कम कर दी।