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हिमाचल हाईकोर्ट ने दोहरी फैमिली पेंशन की मांग को किया खारिज, पढ़ें पूरा मामला
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने दोहरी फैमिली पेंशन की मांग को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार (State Govt) की पुनः अवलोकन याचिका को स्वीकारते हुए प्रार्थी इंदू देवी की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने मामले का निपटारा करते हुए कहा कि पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के पश्चात प्रदेश सरकार के पास अपने कर्मचारियों के सेवा नियम बनाने की शक्तियां भी निहित हो गई थी। प्रदेश सरकार ने केंद्रीय सिविल सेवाएं पेंशन नियम 1972 (Central Civil Services Pension Rules 1972) को अपनाया था। हालांकि इसके पश्चात केंद्र सरकार द्वारा इन नियमों में किए जाने वाले संशोधनों को स्वीकारना या न स्वीकारना प्रदेश सरकार के विवेकाधिकार में ही रहा।
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उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सिविल सेवाएं पेंशन नियम 1972 के तहत वर्ष 2012 तक प्रावधान था कि 3500 रुपए प्रतिमाह फैमिली पेंशन लेने वालों को दूसरी फैमिली पेंशन (Double Family Pension) नहीं मिलेगी। फिर 2012 में केंद्र सरकार ने इस प्रावधान को खत्म कर दिया परंतु प्रदेश सरकार ने इस प्रावधान को जारी रखा। इसलिए प्रदेश के कर्मचारियों के आश्रितों को दूसरी फैमिली पेंशन तभी मिलेगी अगर कुल मिलाकर फैमिली पेंशन 3500 रुपए प्रतिमाह से कम हो। मामले के अनुसार प्रार्थी इंदू देवी ने दूसरी पेंशन की मांग करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार (Central Government) के संशोधित नियमानुसार वह अपने मृतक बेटे की फैमिली पेंशन लेने की हकदार है। सरकार का कहना था कि प्रार्थी पहले से ही अपने पति की फैमिली पेंशन ले रही है जिससे उसकी आय 3500 रुपए प्रतिमाह से अधिक है। कोर्ट (Court) ने प्रार्थी का दावा नियमों के भीतर न होने के कारण खारिज करते हुए प्रदेश सरकार की पुनरावलोकन याचिका को स्वीकार कर लिया।