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एनआर अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने बिलासपुर के एनआर अस्पताल का लाइसेंस रद्द (License Cancelled) करने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने स्पष्ट किया कि यदि याचिकाकर्ता नए तरीके से लाइसेंस के लिए आवेदन करता है तो उस स्थिति में यह निर्णय उसके आड़े नहीं आएगा।
नियमों के विपरीत कार्य करने पर ड्रग कंट्रोलर (Drug Controller) ने बिलासपुर के एनआर अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि इस नोटिस के खिलाफ अपील दायर की गई थी। लेकिन सक्षम अधिकारी ने अपील को खारिज कर दिया था। अपीलीय अधिकारी के निर्णय को अस्पताल प्रशासन ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि अपीलीय अधिकारी (Appelette Officer ) ने गलत तरीके से अपील खारिज की है।
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दस्तावेजों में मिली थी गड़बड़ी
सरकार की ओर से दलील दी गई थी कि अस्पताल प्रशासन की ओर से नियमों के तहत रिकॉर्ड तैयार नहीं किया गया था। दवाइयों की खरीद-फरोख्त के दस्तावेज (Documents) भी सही तरीके से नहीं पाए गए थे। 17 जनवरी 2022 को ड्रग इंस्क्टर ने अस्पताल का निरिक्षण करने के बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया था। अदालत ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद पाया कि अस्पताल प्रशासन ने नोटिस का जवाब दिया था और विभाग के समक्ष माना था कि कमियों को तुरंत दुरूस्त कर दिया गया है। कोर्ट ने पाया कि अस्पताल प्रशासन को सुनवाई को मौका दिया गया था। इसके अलावा अस्पताल प्रशासन ने नियमों के तहत रिकॉर्ड तैयार नहीं किया था। जिसके लिए विभाग ने नियमों के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अदालत ने अपीलीय अधिकारी के निर्णय में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।