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हिमाचल हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा महिलाओं को बस किराये में 50 फीसदी छूट मामले का फैसला
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) में सरकार द्वारा महिलाओं को 50 फ़ीसदी बस किराए में छूट (50 Percent Discount on Bus Fare) देने को चुनौती देने वाली याचिका में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने निजी बस ऑपरेटर संघ (Private Bus Operators Association) की याचिका पर सभी पक्षकारों की ओर से पेश की गई दलीलों को सुनने के पश्चात फैसला सुरक्षित रख लिया। पिछली सुनवाई के दौरान प्रधान सचिव व निदेशक परिवहन ने कोर्ट को शपथ पत्र के माध्यम से बताया था कि सरकार से इस फैसले से परिवहन निगम को लगभग 60 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ेगा। कोर्ट को यह भी जानकारी दी गई थी कि परिवहन निगम ने 31 मार्च, 2022 तक 221 करोड़ रुपए का रोड टैक्स अदा नहीं किया है।
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न्यायालय को बताया गया था कि महिलाओं को किराए में छूट देने का निर्णय कैबिनेट (Cabinet) का है जिसे 25 फ़ीसदी से बढ़ाकर 50 फ़ीसदी किया गया है। महिलाओं को बस किराए में छूट देने बारे प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया था जिसे राज्य सरकार ने कैबिनेट के समक्ष रखा और उसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। संघ ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार द्वारा 7 जून, 2022 को जारी की गई यह अधिसूचना कानून के सिद्धांतों के विपरीत है। जबकि महिलाओं व पुरुषों के लिए बराबर किराया होना चाहिए। पथ परिवहन निगम द्वारा ग्रीन कार्ड जारी करने को भी प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई है। इस विषय में यह दलील दी गई है कि पथ परिवहन निगम द्वारा ग्रीन कार्ड जैसी सुविधाएं देने की वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।
अवैध मामलों की सुनवाई के लिए हिमाचल हाईकोर्ट ने गठित की विशेष खंडपीठ
हिमाचल हाईकोर्ट ने अवैध खनन से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए विशेष खंडपीठ का गठन किया है। इन मामलों की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ के समक्ष 21 सितंबर को होगी। बता दें कि प्रदेश भर में अवैध खनन के 116 मामले हाईकोर्ट में लंबित हैं।
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