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हिमाचल हाईकोर्ट: दागी अधिकारियों की संवेदनशील पदों पर तैनाती पर फैसला सुरक्षित
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने दागी अधिकारियों को संवेदनशील पदों (Sensitive Post) पर तैनाती न देने से जुड़े मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में कोर्ट ने जनहित याचिका (PIL) में दागी अधिकारियों को संवेदनशील पदों पर तैनात न करने आदेश पारित किए थे और सभी दागी अधिकारियों के खिलाफ समयबद्ध ढंग से विभागीय कार्यवाही कर जानकारी कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश भी दिए थे।
मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई के पश्चात अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। मामले के अनुसार कोर्ट ने सरकार में संवेदनशील पदों पर काम कर रहे दागी अधिकारियों के मुद्दे पर संज्ञान लिया है। कोर्ट ने अपने पिछले आदेशों में मुख्य सचिव को निर्देश दिए थे कि वह सभी दागी छवि वाले अधिकारियों के खिलाफ शुरू की गई विभागीय कार्यवाही (Departmental Action) की स्थिति का खुलासा करते हुए शपथपत्र दाखिल करें। कोर्ट ने उन्हें एक सारणीबद्ध रूप में एक चार्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया था, जिसमें अधिकारियों के नाम का खुलासा किया गया हो। उसमें दागियों की वर्तमान स्थिति और उनके खिलाफ कार्यवाही के चरण के साथ-साथ उस पर अंतिम कार्रवाई का हवाला दिया जाना जरूरी था।
43 दागी अधिकारियों की सूची सौंपी
कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में यह भी निर्देश दिया था कि सरकार शपथपत्र के माध्यम से बताए कि क्या ऐसे दागी छवि वाले अधिकारी किसी संवेदनशील पद पर हैं। वर्ष 2014 में राज्य सरकार ने संवेदनशील पदों पर तैनात 43 दागी अधिकारियों की सूची अदालत (List Submitted To The Court) को सौंपी थी। आठ जनवरी 2014 को राज्य सरकार ने कोर्ट को अवगत करवाया था कि सभी दागी अधिकारियों को संवेदनशील पदों से हटा दिया गया है। जनहित याचिका निपटारा करते हुए अदालत ने स्पष्ट किया था कि यदि कोई दागी अधिकारी संवेदनशील पद पर तैनात है तो यह मामला अदालत के समक्ष पूर्ण जानकारी के साथ उठाया जा सकता है।
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