-
Advertisement
लैंडस्लाइड रोकने के लिए हिमाचल हाईकोर्ट ने हाई पावर कमेटी से मांगे सुझाव
शिमला। हिमाचल के राजमार्गों में लैंडस्लाइड को रोकने (TO Stop Landslide In Himachal) के लिए BRO और इंजीनियर्स इंडिया लिमिटिड (EIL) से सुझाव मांगे हैं। केंद्र सरकार ने इन्हें हाई पावर कमेटी (High Power Committee) में शामिल किया है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने कमेटी से जल्दी सुझाव देने की आशा जताई है। मामले की सुनवाई 13 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।
भविष्य में इस तरह की आपदा से निपटने के लिए अदालत ने कोर्ट मित्र से सुझाव आमंत्रित किए है। अदालत ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के बारे में भी सुझाव दिया जाए। इस अधिनियम में उपायुक्त को मलबे को हटाने संबंधी आदेश पारित करने के लिए सक्षम बनाया गया है। इसके अलावा अदालत ने पर्यावरण मंत्रालय (Environment Ministry) को आदेश दिए हैं कि वह मलबे की डंपिंग के लिए तुरंत प्रभाव से मंजूरी दे, ताकि राजमार्गों में पड़े मलबे की डंपिंग की जा सके।
एक इंजीनियर ने की थी शिकायत
एक इंजीनियर की शिकायत पर अदालत ने कड़ा संज्ञान लिया है। श्यामकांत धर्माधिकारी की ओर से लिखे पत्र में आरोप लगाया गया है कि पहाड़ों के कटान से पर्यावरण को हो रहे नुकसान हो रहा है। प्रदेश में त्रुटिपूर्ण इंजीनियरिंग से बनाई जा रही भूमिगत सुरंगें, सड़कें और पुलों से पहाड़ों का अनियोजित उत्खनन किया जा रहा है। सड़कों में ढलान और अवैज्ञानिक तरीके से पुल और सुरंगों का निर्माण किया जाना नुकसान का कारण बनता है। तकनीक की कमी और पुराने उपयोग के कारण सड़क की रिटेनिंग दीवारें कमजोर हैं। जल निकासी के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है। वनों की व्यापक कटाई के कारण मिट्टी का कटाव हुआ है, जो लगातार लैंडस्लाइड आदि का कारण बन रहा है।
यह भी पढ़े:अदालती आदेशों की अनुपालना न करने पर हाईकोर्ट सख्त, दोषी अफसर की मांगी जानकारी